संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर कलेक्टोरेट के दो कमरे 103 नंबर और 108 फिर चर्चाओं में आ गए हैं। आईएएस 2016 बैच के गौरव बैनल के इंदौर में ज्वाइन करने के बाद ही उन्हें कौन सा कमरा आवंटित किया जाए, इसे लेकर चर्चा शुरू हुई। पहले चर्चा हुई कि उन्हें 108 नंबर दिया जाए, लेकिन कमरा नंबर 103 शुरू से ही सीनियर अधिकारी या आईएएस के लिए रखा जाता रहा है। आखिरकार बैनल को ही 103 नंबर आवंटित किया गया, लेकिन सपना लौवंशी ने 108 में जाने से इंकार कर दिया। आखिर में उस कमरे में लेखा व्यय टीम को बैठने के लिए कहा गया और लौवंशी एक बार फिर ग्राउंड फ्लोर के कमरा नंबर जी 11 में पहुंच गई। जल्द ही नया कार्य विभाजन होगा और ऐसे में कई बड़े काम लौवंशी की जगह बैनल के पास शिफ्ट होंगे।
कमरा नंबर 108 में क्यों नहीं जाना चाहते अपर कलेक्टर
अपर कलेक्टर सपना लौवंशी जब इंदौर में आई थी, तब वह 108 में ही बैठ रही थी। लेकिन तभी आयुष्मान घोटाले में उनका नाम फिर उछलने लगा, इसके बाद ताबड़तोड़ उन्होंने कमरा बदला और जी 11 में जाकर बैठने लगी। बाद में उनका मामला ठंडा पड़ा। इस कमरे को हमेशा अनलकी माना जाता रहा है। पहले यहां जनसुनवाई होती थी, बाद में यहां स्पोर्ट के लिए टेबल टेनिस टेबल लगाई गई लेकिन बाद में इसे बंद कर एक अपर कलेक्टर का कमरा बनाया गया, लेकिन यहां बैठे आईएएस हिमांशुचंद्र हो या अन्य सभी को जल्द इंदौर से रवाना होना पड़ा। इसलिए यहां कोई बैठना नहीं चाहता।
बेड़ेकर के ट्रांसफर के बाद लौवंशी को मिला था कमरा 103
कलेक्टोरेट का कमरा नंबर 103 सबसे लकी माना जाता है। यहां कलेक्टर के बाद सबसे सीनियर अधिकारी बैठता है और यहां से ट्रांसफर होकर अधिकांश अधिकारी कलेक्टर ही बनते हैं। जब जुलाई में अपर कलेक्टर आईएएस डॉ. अभय बेड़ेकर यहां से अलीराजपुर कलेक्टर बनकर ट्रांसफर हुए तब सपना लौवंशी सबसे सीनियर थी, उन्होनें कक्ष में बैठना शुरू कर दिया। लेकिन अब बैनल के आने के बाद सबसे सीनियर अधिकारी वह है, इसलिए कमरा खाली करना मजबूरी थी।
कमरा नंबर 103 से यह कलेक्टर बनकर निकले
कमरा नंबर 103 में बैठने वालों की सूची देखें तो यहां से कई कलेक्टर बनकर निकले हैं, इसमें रवींद्र सिंह, दिलीप कुमार, रूचिका चौहान, निधि निवेदिता, अभय बेडे़कर जैसे कई नाम शामिल है। बैनल भी बैच 2016 के आईएएस है और उन्हें भी एक साल में कलेक्टरी मिलना तय है।