BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 4 सीटों पर प्रत्याशी बदल दिए हैं। जानिए किसका पत्ता कटा और किसे मिला टिकट...
इन सीटों पर बदले प्रत्याशी
- सुमावली - अजब सिंह कुशवाहा (कुलदीप सिकरवार की जगह)
- पिपरिया (SC) - वीरेंद्र बेलवंशी (गुरुचरण खरे की जगह)
- बड़नगर - मुरली मोरवाल (राजेंद्र सिंह सोलंकी की जगह)
- जावरा - वीरेंद्र सिंह सोलंकी (हिम्मत श्रीमाल की जगह)
सुमावली सीट पर क्यों बदलना पड़ा प्रत्याशी
कांग्रेस ने सुमावली विधानसभा सीट से कुलदीप सिकरवार को प्रत्याशी बनाया था। अजब सिंह का टिकट काट दिया था। इसके बाद अजब सिंह बसपा से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। बगावत को कंट्रोल करने के लिए कांग्रेस को सिकरवार की जगह अजब सिंह कुशवाहा हो टिकट देना पड़ा।
पिपरिया सीट पर क्यों बदलना पड़ा प्रत्याशी
पिपरिया विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पहले गुरुचरण खरे को टिकट दिया था। गुरुचरण खरे जुन्नारदेव, छिंदवाड़ा के हैं। उनको टिकट मिलने के बाद से ही वीरेंद्र बेलवंशी समेत 500 कार्यकर्ताओं ने छिंदवाड़ा में पीसीसी चीफ कमलनाथ के घर पर प्रदर्शन किया था। भोपाल में भी टिकट बदलने की मांग को लेकर पिपरिया के वरिष्ठ कांग्रेसी पहुंचे थे। विरोध के बाद गुरुचरण खरे की जगह स्थानीय वीरेंद्र बेलवंशी को प्रत्याशी बनाया गया है।
बड़नगर सीट पर क्यों बदलना पड़ा प्रत्याशी
कांग्रेस ने बड़नगर विधानसभा सीट पर पहले राजेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट दिया था। मौजूद विधायक मुरली मोरवाल टिकट कटने के बाद भड़क गए। वे खुलकर विरोध जताने लगे और कांग्रेस को खुली धमकी तक दे डाली। मुरली मोरवाल ने कहा कि यदि इस बार कांग्रेस को मध्यप्रदेश में सरकार बनानी हो तो उसे बड़नगर सीट को लेकर अपना फैसला बदलना होगा। उन्होंने कहा कि मुझे करोड़ों रुपए के ऑफर थे, लेकिन मैंने वे ऑफर ठुकरा दिए। उन्होंने तंज कसते हुए सवाल पूछा था कि क्या कांग्रेस ने मुझे इसी बात का इनाम दिया है ? ये तो केवल ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है। मुरली मोरवाल ने ये भी कहा था कि जब वे अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतरेंगे तो तीर कमान से निकल चुका होगा। छोड़ा गया तीर वापस नहीं आता और न ही वो रास्ता बदलता है। कांग्रेस ने बड़नगर को लेकर जो फैसला किया, वो यहां के कार्यकर्ताओं का अपमान है। कांग्रेस को इसका खामियाजा आसपास की 10 सीटों पर भुगतना पड़ेगा। राजेंद्र सिंह सोलंकी को लेकर मोरवाल का कहना था कि उनकी तहसील में कोई पहचान नहीं है। वे बीजेपी और संघ से प्रशिक्षत हैं। वे कभी नहीं जीत सकते।
जावरा सीट पर क्यों बदलना पड़ा प्रत्याशी
जावरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पहले हिम्मत श्रीमाल को टिकट दिया था। वीरेंद्र सिंह सोलंकी टिकट की दावेदारी कर रहे थे। नाराज कार्यकर्ताओं ने हिम्मत का पुतला फूंका और उन्हें कमजोर प्रत्याशी बताया था। कार्यकर्ताओं का कहना था कि कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी बनाकर बीजेपी को जावरा सीट गिफ्ट में दे दी। गलत व्यक्ति को टिकट दे दिया है। कई पदाधिकारियों ने इस्तीफे की घोषणा भी कर दी थी। विरोध को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने हिम्मत श्रीमाल की जगह वीरेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट दे दिया है।