गंगेश द्विवेदी, RAIPUR. रायगढ़ जिले के ग्राम कोड़ातराई में बुधवार (4 अक्टूबर) को प्रदेश के 82 चयनित विकासखण्डों में जैतखाम का शिलान्यास करके एससी आबादी को लुभाने का नया दांव खेल दिया है। कांग्रेस अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बहाने एससी वोटर्स के बीच यह मैसेज देने की कोशिश कर रही है कि उनकी पार्टी में इस समाज का व्यक्ति सर्वोच्च पद पर है। वहीं भाजपा ने अनुसूचित जाति यानि एससी वोटर्स को साधने के लिए सतनामी समाज के धर्मगुरू बालदास को जिम्मेदारी सौंप रखी है। बालदास भी प्रदेश भर में दौरा करके अनुसूचित जाति के वोटों का ध्रवीकरण करने का प्रयास कर रहे हैं।
बता दें, जैतखाम मूलरूप से सतनामी पंथ के ध्वज का नाम है, जो उनके संप्रदाय का प्रतिक है। यह उनके कार्य, विजय, पवित्रता और आस्था से जुड़ा हुआ है। यह उन्हीं जगहों पर बनाया जाता है, जहां इस समुदाय के लोगों की आबादी पर्याप्त संख्या में होती है। 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश की कुल आबादी का 12.82 प्रतिशत अनुसूचित जाति की आबादी है, जो करीब 32.74 लाख है। इनमें सबसे अधिक आबादी सतनामी पंथ की है। सरकार का यह दांव इसी सतनामी समाज के लोगों कें बीच सामाजिक भावना जगाना और उनके वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए है।
लगातार एससी इलाकों में सभा
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे का यह पांचवा दौरा है। इनमें से पहला राष्ट्रीय अधिवेशन का दौरा छोड़ दिया जाए तो बाकी दौरे सियासी दौरे रहे हैं। खासतौर, उन क्षेत्रो में रहे हैं जहां एससी समाज की बहुलता है और कांग्रेस उन जगहों पर कमजोर है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 14 अगस्त को जांजगीर-चांपा से चुनावी बिगुल फूंका। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां अनुसूचित जाति एक प्रमुख वोट बैंक है, जिससे बिलासपुर क्षेत्र में हलचल मच गई, जो 90 सदस्यीय विधानसभा में 24 विधानसभा सीटों का एक ब्लॉक है और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित दस सीटों में से चार इस क्षेत्र में आती हैं। पिछले चुनाव में हवा का रुख निर्णायक रूप से कांग्रेस के पक्ष में होने के बावजूद, भाजपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जांजगीर-चांपा बेल्ट में चार आरक्षित सीटों में से एक-एक जीतने में कामयाब रही थीं। यह काफी हद तक उनके प्रदर्शन के कारण था। इस क्षेत्र में बसपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी या जेसीसीजे पार्टी (दिवंगत अजीत जोगी द्वारा स्थापित और अब उनके बेटे अमित के नेतृत्व में) को क्रमशः 4% और 7% से अधिक वोट मिले थे।
रमन को उनके घर में घेरने पहुंचे थे
8 सितबंर को राजनांदगांव जिले के ग्राम ठेकवा में आयोजित 'भरोसे का सम्मेलन' में आए थे। इस दौरान 355 करोड़ 23 लाख रुपए के 1867 विकास कार्यों के लोकार्पण भूमिपूजन भी किया था। यह राजनांदगांव विधानसभा अभी भाजपा के पास है। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह विधायक हैं। खड़गे का यह दौरा इस क्षेत्र में रहने वाले एससी समाज के लोगों को साधने के साथ भाजपा के सबसे ताकतवर नेता रमन सिंह को उनके ही घर में घेरने की रणनीति थी। राजनांदगांव जिले की छह विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में चार पर जीत हासिल की थी। एक-एक सीट भाजपा के रमन सिंह और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के देवव्रत सिंह ने जीती थी। पिछले वर्ष देवव्रत सिंह के निधन के बाद खैरागढ़ सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। कांग्रेस सरकार ने राजानंदगांव से अलग कर दो नया जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई बनाया है। इन जिलों में भी एसी समाज की आबादी निर्णायक भूमिका में है।
बिलासपुर संभाग में दूसरा दौरा
छत्तीसगढ़ में बिलासपुर सबसे बड़ा संभाग है। 8 जिलों के संभाग में यहां छत्तीसगढ़ की सबसे ज्यादा 24 विधानसभा सीटें और 4 लोकसभा सीटें हैं। 24 विधानसभा सीटों में से 14 सीट पर कांग्रेस, 7 पर बीजेपी, 2 पर बसपा और 1 पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जे (जेसीसीजे) का कब्जा है। प्रदेश के 11 लोकसभा सीट में से 4 लोकसभा सीट अकेले बिलासपुर संभाग में ही हैं। इसमें 3 पर बीजेपी और 1 पर कांग्रेस काबिज है। इस संभाग के 24 में से 4 सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं यानि इनकी आबादी 50 फीसदी से अधिक है। वहीं बाकी विस क्षेत्रों में इस समाज की निर्णायक उपस्थिति मानी जाती है। यही वजह है कि खडगे इस संभाग में दूसरी बार दौरे पर पहुंचे।
बलौदाबाजार में नही है कांग्रेस
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बलौदाबाजार जिले के भाटापारा के सुमाभाठा में कृषक सह श्रमिक सम्मेलन आयोजित किया गया था। ये दोनों ही विधानसभा में अभी कांग्रेस नहीं है। भाटापारा में भाजपा के शिवरतन शर्मा विधायक है, जबकि बलौदाबाजार में जनता कांग्रेस के प्रमोद शर्मा विधायक हैं। वहीं इससे लगी अन्य सीटें, पलारी, कसडोल एससी बहुल हैं जबकि बिलाईगढ़ एससी के लिए आरक्षित है।
अनुसूचित जाति की आबादी फैली है पुराने 16 जिलों में
रायपुर, बलौदाबाजार, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा, जांजगीर-चांपा, बस्तर, राजनांदगांव, रायगढ़,कोरबा, महासमुन्द, जशपुर,दंतेवाड़ा, धमतरी, कांकेर, कोरिया, कवर्धा जिले में अनुसूचित जाति की आबादी प्रमुख रूप से फैली हुई है।
ये 44 जातियां शामिल हैं अनुसूचित जाति में ..
1. औधेलिया
2. बागरी, बागड़ी
3. बहना, बहाना
4. बलाही, बलाई
5. बांछड़ा
6. बराहर, बसोड़
7. बरगुंडा
8. बसोर, बरूड़, बंसोर, बंसोड़ी, बांसफोर, बसार
9. बेडि़या
10. बेलदार, सुनकर
11. भंगी, मेहतर, बाल्मिकी, लालबेगी, धरकर
12. भानुमती
13. चडार
14. चमार, चमारी, बेरवा, भांबी, जाटव, मोची, रेगर, नोना, रोहीदास, रामनामी, सतनामी, सूर्यवंशी, सूर्यरामनामी, अहिरवार, चमार, मागन, रैदास
15. चिडार
16. चिकवा, चिकवी
17. चितार
18. दहैत, दहायत, दाहत
19. देवार
20. धानुक
21. ढेड़, ढेर
22. डोहोर
23. डोम, डूमार, डोमे, डोमार, डोरिस
24. गांड़ा, गांड़ी
25. घासी, घसिया
26. होलिया
27. कन्जर
28. कतिया, पथरिया
29. खाटक
30. कोली, कोरी
31. खंगार, कनेरा, मिर्धा
32. कुचबंधिया
33. महार, मेहरा, मेहर
34. मांग, मांगगरोड़ी, मांगगारूड़ी, दंखनीमांग, मांगमहासी, मदारी, गारूड़ी, राधेमांग
35. मेघवाल
36. मोधिय
37. मुसखान
38. नट, कालबेलिया, सपेरा, नवदिगार, कुबुतर
39. पासी
40. रूज्झार
41. सांसी, सांसिया
42. सिलावट
43. झमराल
44. तूरी