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गंगेश द्विवेदी, RAIPUR. मोदी सरकार द्वारा लाया गया नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया है। अब बीजेपी इसका श्रेय लेकर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की नैया के लिए पतवार का इंतजाम करने में कामयाब हो गई है लेकिन कांग्रेस की ओर से इसे तत्काल लागू करने की मांग उठ गई है। यही नहीं अब आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस छत्तीसगढ़ में 33 फीसदी सीट यानी करीब 22 सीटों को आरक्षित करने की तैयारी कर रही है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस 33 फीसदी सीटों पर महिला प्रत्याशी उतारेगी।
कांग्रेस ने यूपी से शुरू किया महिलाओं को ज्यादा टिकट देने का फार्मूला
दरअसल, कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान महिलाओं को ज्यादा टिकट देने की परंपरा की शुरुवात की थी, प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था। उन्होंने लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा देकर इस चुनाव में पूरे देश का ध्यान खींचा यही नहीं 40 फीसदी सीटें महिलाओं को देकर यही संदेश देने का प्रयास किया कि कांग्रेस आधी आबादी के साथ है, लेकिन यह नारा बेअसर रहा, कांग्रेस यूपी में वोट नहीं बटोर सकी। हालांकि यूपी में कांग्रेस का पहले ही कोई बड़ा जनाधार नहीं रह गया है, उम्मीद थी कि इस नारे से यूपी की जनता प्रियंका गांधी को समर्थन दे सकती है।
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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सबसे मजबूत
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सबसे मजबूत स्थिति में है। अभी कांग्रेस के पास 71 विधानसभा सीटें हैं जिनमें महिला विधायकों की संख्या 13 है जो 18.30 फीसदी होता है। इसी तरह प्रदेश के 90 सीटों में कुल महिला विधायकों की संख्या 16 है जो कुल विधायकों का 17.77 फीसदी है। यह एवरेज देश के एवरेज 8 फीसदी से बहुत अधिक है। अब कांग्रेस महिला आरक्षण बिल की तर्ज पर टिकट वितरण में आरक्षण का संदेश देना चाहती है।
ऐसे बढ़ती गई महिला विधायकों की संख्या
छत्तीसगढ़ के राज्य बनने के बाद की स्थिति पर गौर करें तो छत्तीसगढ़ में महिलाओं का प्रतिनिधित्व हर साल बढ़ता हुआ नजर आया है। 2003 में छत्तीसगढ़ में 6 महिला विधायक थीं। जिसमें 4 बीजेपी, 1 कांग्रेस और 1 बसपा की थी। वहीं 2008 में छत्तीसगढ़ में बीजेपी से 7 और कांग्रेस की 5 महिला विधायक थीं। साथ ही 2013 में प्रदेश में बीजेपी की 6 और कांग्रेस की 4 महिलाएं विधायक बनी। जबकि 2018 में महिला विधायकों की संख्या प्रदेश में बढ़कर 16 हो गई। जिसमें कांग्रेस से 13, बीजेपी, बसपा और जेसीसीजे से 1 महिला विधायक हैं।
आबादी भी आधी से कुछ ज्यादा
छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ें के मुताबिक प्रदेश में महिला आबादी आधी से कुछ अधिक है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कुल मतदाताओं की संख्या 1.97 करोड़ है, इसमें पुरुष मतदाता 98.2 लाख और महिला मतदाता 98.5 लाख है, यानी पुरुषों के मुकाबले महिला वोटर 30 हजार ज्यादा हैं।
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महिलाओं को साधने में जुटे दोनों दल
यह वक्त ऐसा है जब दोनों ही प्रमुख दल महिलाओं को साधने में जुटे हैं। कांग्रेस जहां छत्तीसगढ़ में प्रियंका गांधी को बुलाकर महिला समृद्धि सम्मेलन करती है और हजारों की संख्या में महिलाओं को साधने की कोशिश करती है तो वही बीजेपी महिला आरक्षण बिल पारित कर महिलाओं को साध रही है।
दिखावा कर रहे पीएम मोदी : कुमारी शैलजा
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा का कहना है कि छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा महिला विधायक हैं। पीएम मोदी ने आरक्षण कानून बिल लाकर दिखावा किया हैं, लेकिन मालूम नहीं है कि भविष्य में कब क्या होगा, भविष्य के हाल में छोड़ दिया गया है। उन्होने आगे कहा कि हमारा प्रयास होगा कि हम छत्तीसगढ़ में पिछली बार से आगे बढ़े। हर संसदीय क्षेत्र में हमारी कोशिश हो कि कम से कम विधायक के रूप में 22 महिलाएं लेकर आए।
कांग्रेस को तो महिलाएं ही चलाती हैं
बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस को महिलाएं ही चलाती हैं। सोनिया गांधी, इंदिरा गांधी, प्रियंका गांधी, महिलाओं पर ही फोकस रहेगा। कांग्रेस सिर्फ श्रेय लेने का काम करती हैं।