BHOPAL. कांग्रेस जिस बात से डरकर प्रत्याशियों की घोषणा होल्ड करके बैठी थी, टिकटों की लिस्ट जारी होते ही, सुबह से ही विरोध की खबरें आना शुरु हो चुकी हैं। पार्टी ने दूसरी लिस्ट में 3 उन सीटों पर भी प्रत्याशी बदले हैं, जहां विरोध ज्यादा था। इससे विरोध करने वालों को यह आस भी बंध गई है कि विरोध यदि तगड़ा किया जाए तो उनकी किस्मत खुलने का एक चांस है भी। अभी तक सुमावली, खातेगांव, रीवा और महू से विरोध करने और इस्तीफा देने की खबरें आ चुकी हैं।
किसी ने विरोध में बुलाई मीटिंग, किसी का इस्तीफा
कांग्रेस की दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद यहां से पूर्व विधायक अजय सिंह कुशवाह काफी ज्यादा नाराज बताए जा रहे हैं। कुशवाह ने 11 बजे समाज की पंचायत बुला ली है। कांग्रेस ने यहां से कुलदीप सिकरवार को टिकट दिया है। संभव है कि समाज की पंचायत में वे विरोध का बिगुल घोषित रूप से बजा दें। उधर खातेगांव सीट पर टिकट न मिलने से नाराज वरिष्ठ नेता लक्ष्मीनारायण बंडावाला ने तो कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से ही इस्तीफा देने में देर नहीं की। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना इस्तीफा पोस्ट कर दिया है।
रीवा और महू में भी यही हाल
रीवा में पार्टी की टिकट की दावेदार कविता पांडे ने भी इस्तीफा देने में देर नहीं लगाई है। उन्होंने पार्टी के समस्त पदों से इस्तीफा दे दिया है। कविता रीवा से टिकट की दावेदारी पुरजोर तरीके से करती चली आ रही थीं। उधर महू में अंतर सिंह दरबार जैसा बड़ा नाम भी नाखुश है। अंतरसिंह के घर देर रात तक कार्यकर्ताओं का भारी जमावड़ा रहा। कांग्रेस ने महू से रामकिशोर शुक्ला को टिकट दे दिया है। अंतर सिंह दरबार के समर्थक इस फैसले का काफी विरोध कर रहे हैं।
क्या पता पार्टी प्रत्याशी बदल दे
दूसरी लिस्ट में जिस तरह तीन प्रत्याशी बदले गए हैं उससे दावेदारों को एक आस बंध गई है। बता दें कि कांग्रेस बैतूल के आमला सीट को छोड़कर सभी 229 सीटों पर प्रत्याशी डिक्लेयर कर चुकी है। माना जा रहा है कि विभिन्न सीटों पर नाखुश दावेदार पुरजोर विरोध कर प्रत्याशी बदलवाने की जिद पकड़ सकते हैं।
आलोट और जावरा में भी विरोध
इधर रतलाम के आलोट में प्रेमचंद्र गुड्डू को टिकट न मिलने से उनके समर्थक नाराज हो चुके हैं। समर्थकों ने पार्टी से टिकट बदलने की मांग की है, वहीं टिकट न मिलने पर गुड्डू ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का इशारा किया है। उधर जावरा में हिम्मत श्रीमाल को टिकट दिए जाने से कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज हो गए और घंटाघर पर उनके नाम का पुतला फूंका गया है।