संजय गुप्ता, INDORE. मध्यप्रदेश में हाईप्रोफाइल हुई इंदौर विधानसभा-1 सीट को लेकर राजनीति आरोप-प्रत्यारोप के तेज हमलों पर आ गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता चरण सिंह सपरा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इंदौर-1 के बीजेपी प्रत्याशी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के नामांकन फॉर्म मंजूर होने को जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ बीजेपी और उनकी सांठगांठ और मिलीभगत का नतीजा बताया। इसके लिए कांग्रेस ने केंद्रीय चुनाव आयोग को शिकायत करने के साथ ही आगे हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने तक की बात कही। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रमोद द्विवेदी, सौरभ मिश्रा, सच सलूजा और अन्य मौजूद थे।
इन 2 मुद्दों पर कांग्रेस ने घेरा
कांग्रेस के सपरा ने कहा कि नामांकन में बंगाल के अलीपुर में हुए महिला केस को खुद विजयवर्गीय ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन इसकी जानकारी वे नामांकन में नहीं दे रहे हैं। साथ ही 1999 से दुर्ग (छत्तीसगढ़) में जो केस चल रहा था, जिसमें 2019 से वो कोर्ट से फरार घोषित हैं, इसके बाद भी वे सरेआम घूम रहे हैं। मध्यप्रदेश पुलिस को तो गिरफ्तार कर छत्तीसगढ़ को सौंपना चाहिए, क्योंकि छत्तीसगढ़ कई बार मध्यप्रदेश को समन भेज चुकी है।
3 नामांकन होल्ड तो उनका क्यों नहीं ?
कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी के ही सुरेंद्र पटवा, राहुल लोधी और कांग्रेस के अजय सिंह के नामांकन होल्ड हुए हैं, लेकिन वहीं आयोग और बीजेपी की सांठगांठ के चलते यहां पर नामाकंन पर हमारी आपत्ति खारिज कर दी जाती है और विजयवर्गीय का नामांकन मंजूर कर लिया जाता है। इससे आयोग को लेकर शक की सुई हमारी जाती है और हमें लगता है कि 17 नवंबर और इसके पहले भी गड़बड़ियां होगी। आयोग निश्चित तौर पर दबाव में काम कर रहा है।
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विजयवर्गीय बोल चुके इसे डर्टी पॉलिटिक्स
कैलाश विजयवर्गीय एक दिन पहले ही इन आरोपों पर मीडिया को जवाब दे चुके हैं कि वे (कांग्रेस और उनके प्रत्याशी संजय शुक्ला) डर्टी पॉलिटिक्स कर रहे हैं। सीधे चुनाव में लड़ें, इस तरह क्यों पॉलिटिक्स कर रहे हैं। मैं 1990 से 6 विधानसभा, एक महापौर चुनाव लड़ चुका हूं, मैं तो सभी के सामने हूं तो फरार कैसे हो सकता हूं। देशभर में हम काम करते हैं, कहीं भी कुछ हो सकता है, कोई जानकारी रह गई है तो ठीक कर लेंगे। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है।