BHOPAL. बिजावर से कांग्रेस प्रत्याशी का विरोध कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं ने गुरुवार, 26 अक्टूबर को प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला का घेराव किया। मीडिया चर्चा करके जैसे ही सुरजेवाला पीसीसी के बाहर निकले तो छतरपुर से आए कार्यकर्ताओं ने उनकी गाड़ी घेर ली और नारेबाजी करने लगे। इस दौरान सुरजेवाला करीब आधा घंटे तक कार्यकर्ताओं के बीच फंसे रहे। बाद में उन्हें गाड़ी बदलकर जाना पड़ा।
यहां बता दें, बिजावर से कांग्रेस ने रेत कारोबारी चरण सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया है। टिकट के दावेदार भुवन विक्रम सिंह के समर्थक यादव को टिकट दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। उन्हीं ने सुरजेवाला को घेरकर रखा।
'शिवराज यानी धोखाराज'
इससे पहले सुरजेवाला ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (PCC) में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से 5 सवाल पूछे। बिजली बिल का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि शिवराज यानी धोखाराज। सुरजेवाला ने 5 पॉइंट्स में सरकार पर धोखेबाजी के आरोप लगाए।
सुरजेवाला ने कहा, 'अगस्त में शिवराज सिंह चौहान ने नौगांव में घोषणा करते हुए कहा था कि जिनके 1 किलोवॉट तक के बिजली कनेक्शन हैं, उनके बिजली बिल छोड़ता हूं। समीक्षा करने के बाद बढ़े हुए बिजली बिल मैं भरूंगा। यानी शिवराज सरकार भरेगी। उन्होंने कहा- मध्यप्रदेश के एक करोड़ लोगों से बेईमानी और धोखेबाजी की कहानी यहीं से शुरू हुई। इसके चार पहलू हैं...।
ये हैं शिवराज से सुरजेवाला के 5 सवाल
- 1 किलोवॉट तक के 20 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से 1 भी उपभोक्ता का एक पैसा माफ किया?
- 1 किलोवॉट तक के बिजली उपभोक्ताओं के बिल स्थगित करने से पहले लोड दोगुना कर दिया?
- प्रदेश के लाखों गरीब परिवार के कनेक्शन का लोड बढ़ाने से पहले उनकी सहमति ली गई?
- लोड बढ़कर 2 किलोवॉट तक पहुंच गया। लोगों को गरीबी रेखा से बाहर करने षड्यंत्र रचा?
- क्या बीजेपी सरकार की सारी घोषणाएं ऐसे ही धोखे और झूठ की बुनियाद पर हैं?
सुरजेवाला ने कांग्रेस सरकार आने पर 100 यूनिट तक बिजली बिल माफ। 200 यूनिट तक हॉफ करने का वादा भी दोहराया।
सुरजेवाला के 4 पहलुओं की कहानी-
पहला: बिल माफी का आस्थायी आदेश निकाला
सुरजेवाला ने कहा, 'पहला पहलू यह है कि शिवराज सिंह की घोषणा (1 किलोवॉट कनेक्शन पर बढ़े हुए बिजली बिल सरकार भरेगी) के बाद मध्यप्रदेश शासन के ऊर्जा विभाग ने 1 सितंबर 2023 को एक आदेश निकाला। बिल माफी की जगह इस आदेश में लिखा कि ये बिल अस्थायी तौर पर स्थगित किए जाते हैं।'
उन्होंने कहा, 'यहीं से बेईमानी शुरू हो गई। 1 किलोवॉट तक के 20 लाख उपभोक्ताओं के बिलों की राशि की एक फूटी कौड़ी भी माफ नहीं हुई। यह घोषणा 5 अगस्त 2023 को शिवराज सिंह चौहान ने की थी।'
दूसरा: 1 से बढ़ाकर 2 किलोवॉट कर दिया लोड
सुरजेवाला ने कहा, '1 सितंबर को यह आदेश जारी होता है, इसके ठीक पहले बीजेपी की सरकार मध्यप्रदेश के उन 18 से 20 लाख परिवारों के साथ एक और गणित षड्यंत्र करती है। तीनों विद्युत वितरण कंपनियों ने इनमें से 90% से अधिक उपभोक्ताओं का लोड 1 किलोवॉट से अपने आप 2 किलोवॉट कर दिया।
उन्होंने यह भी कहा, 'कांग्रेस ने 21 जिलों के 38 डिविजन का आकलन किया है। चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। हमारे पास 350953 उपभोक्ताओं के बिजली बिलों का डेटा है।'
तीसरा: बिजली उपभोक्ता से एग्रीमेंट तक नहीं किया
सुरजेवाला ने कहा, 'बीजेपी का तीसरा धोखा गैरकानूनी है। नियम है कि किसी भी उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन लोड बदला जाता है तो पहले उसे जानकारी देनी होती है। उसकी मौजूदगी में आकलन होता है। एग्रीमेंट साइन होता है। इसके बाद लोड बढ़ाया जाता है, लेकिन 18 से 20 लाख कस्टमर का लोड बिना एग्रीमेंट बढ़ा दिया गया।
चौथा: लोड बढ़ने से बिजली बिल डबल हुआ
बिजली विभाग 1 किलोवॉट पर 150 यूनिट का आकलन करता है, लेकिन बिना आकलन किए 2 किलोवॉट लोड कर दिया। इससे 300 यूनिट प्रति माह तक खपत पहुंच गई। यह डाका है, क्योंकि बिल डबल आने शुरू हो गए। यह भाजपा का शिवराज मॉडल और धोखा है।