मनीष लोधा, JAIPUR. राजस्थान में सोमवार, 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा से पहले चित्तौड़गढ़ से कुछ दूरी पर उदयपुर से जयपुर के बीच में चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश सामने आई है। हालांकि, पायलट की सजगता की वजह से बड़ा हादसा टल गया। रेलवे ने इस संबंध में गंगरार थाने में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
मोदी ने 24 सितंबर वंदे भारत ट्रेन को दिखाई थी हरी झंडी
उदयपुर से जयपुर के बीच वंदे भारत ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 सितंबर को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था। सोमवार को इसी गाड़ी के ट्रैक पर बड़ी संख्या में पत्थर और लोहे के सरिया रखे मिले। जिसका एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में कर्मचारी ट्रैक से पत्थर को हटाते हुए दिख रहे हैं। रेलवे की ओर से गंगरार थाने में इस बारे में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके शरारती तत्वों के खिलाफ जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
सोनीयाणा-गंगरार रेलवे स्टेशन के बीच ट्रैक पर रखे गए पत्थर
दरअसल, उदयपुर से रवाना होने के बाद सुबह करीब 9:55 पर वंदे भारत चित्तौड़गढ़ पहुंची थी। इस बीच रास्ते में सोनीयाणा और गंगरार रेलवे स्टेशन के बीच लोको पायलट ने पटरियों पर गड़बड़ी का अंदेशा देखते हुए ट्रेन को रोका और मौके पर जाकर देखा, तो पाया कि ट्रैक पर बड़ी संख्या में पत्थर और लोहे के सरिया रखे हुए हैं, ताकि यह ट्रेन पटरी से उतर जाए।
ऊत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण के मुताबिक लोको पायलट की सजगता के कारण हादसा टल गया है और विभाग की ओर से जांच की जा रही है।
पहले एक मवेशी भी वंदे भारत से टकरा चुका है
उदयपुर से चलकर जयपुर आने वाली वंदे भारत ट्रेन को 24 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इससे पहले ट्रायल के दौरान भी एक मवेशी वंदे भारत से टकरा गया था। जिसके बाद ट्रेन की बोगी के ऊपर पत्थर बाजी की घटना भी सामने आई थी।