संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर की विधानसभा-3 जो बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक पुत्र आकाश विजयवर्गीय की विधानसभा है। यहां मतदाता सूची को लेकर विवाद हो गया है। कांग्रेस की ओर से याचिकाकर्ता दिलीप कौशल की ओर से लगी याचिका पर हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए संबंधित रजिस्ट्रीकरण अधिकारी यानी एसडीएम को आदेश दिए हैं कि वे याचिकाकर्ता के पेश आवेदन पर 15 दिन के भीतर तर्कपूर्ण आदेश जारी करे और संभव हो तो इसे 28 सितंबर तक पूरा कर लिया जाए। अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल और जयेश गुरनानी की ओर से इसमें दलील पेश की गई।
क्या तर्क रखे गए थे याचिकाकर्ता द्वारा
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि फॉर्म-6 (मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए), फॉर्म-7 (नाम हटवाने के लिए), फॉर्म-8 (नाम संशोधन कराने, नाम विधानसभा में एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर कराने और एक विधानसभा से दूसरी विधानसभा में शिफ्ट कराने) के तहत आवेदन लिए जाते हैं। इसके लिए फॉर्म-6 के आवेदनों के लिए रजिस्ट्रीकरण अधिकारी रजिस्टर मेंटन करते हैं जिसे फॉर्म-9 कहते हैं, फॉर्म-7 के लिए रजिस्टर को फॉर्म-10 कहते हैं और फॉर्म-8 के 3 अलग-अलग कामों के लिए फॉर्म-11, 11 ए और बी नाम से रजिस्टर होते हैं। यदि किसी का नाम हटवाना है तो फॉर्म 10 में क्लीयर होता है कि किसकी आपत्ति के चलते नाम हटा, वहीं नाम संशोधन, विधानसभा से शिफ्टिंग के फॉर्म 11ए, 11 बी में सुनवाई का दिन, समय, स्थान लिखा होता है। ये सभी इन फॉर्म में जिला निर्वाचन ने मेंटेन नहीं किए। इसके चलते जो मतदाता के नाम एक से दूसरी विधानसभा में शिफ्ट हो रहे हैं, हम उनकी सत्यता को चेक ही नहीं कर पा रहे हैं।
याचिकाकर्ता को आशंका, विधानसभा-2 से शिफ्ट हो रहे मतदाता
विधानसभा-2 से लगी हुई है विधानसभा-3। विधानसभा-2 बीजेपी का गढ़ है और यहां पर बीजेपी की जीत भी 90 हजार, 70 हजार वोट से होती है। वहीं विधानसभा-3 सबसे छोटी है और यहां हार-जीत 5-6 हजार तक सीमित होती है। याचिकाकर्ताओं को आशंका है कि चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने अपने कट्टर समर्थक मतदाताओं को विधानसभा-3 में शिफ्ट कराया है और ये जानबूझकर होस्टल में रहने वाले बताकर शिफ्ट किए गए हैं। क्योंकि विधानसभा-2 से यदि 8-10 मतदाता बीजेपी के कम भी हो गए तो उन्हें फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन विधानसभा-3 में बीजेपी मजबूत हो जाएगी। इसलिए उन्होंने विधानसभा से शिफ्टिंग के आवेदनों की जांच करने के उद्देश्य से ये रजिस्टर 11ए, 11बी देखना चाहा था जो उन्हें मतदाता सूची रजिस्ट्रेशन रूल 1960 के मुताबिक नहीं मिले। इसी के चलते ये याचिका लगाई गई थी।
विधानसभा-3 में 50 दिन में 7 हजार 584 मतदाता बढ़े हैं
इंदौर विधानसभा-3 में 2 अगस्त 2023 की सूची के अनुसार 1 लाख 80 हजार 617 मतदाता थे, लेकिन 20 सितंबर की स्थिति में ये 7 हजार 584 बढ़कर 1 लाख 88 हजार 201 हो गए हैं। इसमें पुरुष मतदाता 94 हजार 403, महिला मतदाता 93 हजार 730 और थर्ड जेंडर के 68 मतदाता है। वहीं साल 2018 की बात करें तो तो तब की मतदाता सूची में विधानसभा-3 में 1.91 मतदाता थे, उससे तो ये अभी भी 3 हजार कम है, लेकिन 50 दिन में 7 हजार 584 मतदाता बढ़ने को शंका के नजरिए से देखा जा रहा है।
पहले भी कांग्रेस लगा चुकी है आपत्तियां
आगामी चुनाव के पूर्व विधानसभा इंदौर-3 की मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित किए आवेदनों की सूची अपूर्ण एवं नियम विरुद्ध होने के कारण कांग्रेस निर्धारित समय में फॉर्म 11,11-A, 11- B के विरुद्ध आपत्तियां नहीं दे पाई थी। इसके लिए कांग्रेसी नेता पिंटू जोशी और दिलीप कौशल के नेतृत्व में पिछले दिनों सैकड़ों कांग्रेसियों ने कलेक्टर को आपत्ति दर्ज कराई थी। साथ ही अधूरे दस्तावेजों के आधार पर जोड़े जा रहे नए नाम के आपत्तियां दर्ज कराई थी। कांग्रेस के आरोप थे कि विधानसभा इंदौर-3 के SDM ने कांग्रेसी नेता को आपत्तियां लगाने के लिए पर्याप्त जानकारी सहित सूची नहीं दी थी ताकि निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित किया समय निकल जाए।
अधिवक्ताओं ने कहा- ये हुआ आदेश
याचिकाकर्ताओं ने अभिभाषक विभोर खंडेलवाल और जयेश गुरनानी के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी। गुरनानी ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय ने विधानसभा इंदौर-3 के SDM को कांग्रेस द्वारा दी गई आपत्ति जिसमें प्रारूप अनुसार जानकारी देने और जानकारी देने के बाद आपत्तियां लगाने के लिए पर्याप्त समय देने के आवेदन को विधि अनुसार 28 सितंबर के पूर्व निर्धारित करने के महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। याचिका निलेश पटेल, शैलू सेन और विशाल चतुर्वेदी द्वारा प्रस्तुत की गई थी।