संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में वरिष्ठ जिला पंजीयक जैसे वरिष्ठ पद को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस पद के लिए जिला प्रशासन ने महानिरीक्षक पंजीयन भोपाल की एक चिट्ठी के बाद डॉ. अमरेश नायडू को अधिकृत कर दिया। वहीं इसकी जानकारी लगते ही वरिष्ठ जिला पंजीयक पद पर पदस्थ दीपक शर्मा ने शासन को पत्र लिखकर यह कहते हुए आपत्ति ले ली है कि मेरी नियुक्ति तो शासन स्तर पर हुई है। अब एक पद के लिए अब दो वरिष्ठ अधिकारी दिलीप शर्मा और अमरेश नायडू के बीच विवाद शुरू हो गया है।
क्या हुई है चिट्ठी जारी
महानिरीक्षक पंजीयन भोपाल ने एक पत्र आचार संहिता के दौरान ही 22 नवंबर को जारी किया कि जिन जिलों में एक से अधिक वरिष्ठ जिला पंजीयक है। जिसमें इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर शामिल है। यहां पर पदस्थ वरिष्ठ जिला पंजीयकों में वरिष्ठतम सीनियर मोस्ट को वरिष्ठ जिला पंजीयक के रूप में अधिकृत किया जाएगा। इस चिट्ठी के आने के बाद प्रशासन द्वारा नायडू को अधिकृत कर दिया गया।
यह जारी हुई प्रशासन से सूचना
इंदौर जिले के लिए डॉ. अमरेश नायडू को वरिष्ठ जिला पंजीयक अधिकृत किया गया है। महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक, मध्यप्रदेश भोपाल के नवीन आदेश के तारतम्य में कलेक्टर द्वारा पंजीयन विभाग अंतर्गत एक से अधिक वरिष्ठ जिला पंजीयक पदस्थ होने से वरिष्ठतम वरिष्ठ जिला पंजीयक डॉ. अमरेश नायडू को वरिष्ठ जिला पंजीयक, इंदौर का कार्य संपादित करने के लिए अधिकृत किया गया है। सेटेलाईट भवन, ग्राउण्ड फ्लोर, कलेक्टोरेट प्रांगण, मोती तबेला, इंदौर स्थित पंजीयन कार्यालय से संबंधित सभी प्रकार के शासकीय पत्राचार डॉ. अमरेश नायडू, वरिष्ठ जिला पंजीयक, जिला इंदौर के नाम से होंगे।
एक और शासन से नियुक्ति, उधर नया कार्यविभाजन
दीपक कुमार शर्मा की 7 मार्च 2023 को मप्र शासन द्वारा इंदौर वरिष्ठ जिला पंजीयक कार्यालय, इंदौर पद पर नियुक्ति की गई थी। यह आदेश मप्र शासन वाणिज्यिक कर विभाग उप सचिव आरपी श्रीवास्तव का था। वहीं एक जुलाई 2023 को अमरेश नायडू को वरिष्ठ जिला पंजीयक रतलाम से इंदौर-2 पर पदस्थ करने के आदेश हुए थे। इंदौर में चार पंजीयन कार्यालय है।
प्रशासन के आदेश के बाद शासन को शर्मा ने दी जानकारी
सूत्रों के अनुसार प्रशासन के इस आदेश की जानकारी लगने के पास दीपक कुमार शर्मा ने महानिरीक्षक पंजीयक के नाम पर पत्र लिख दिया है। इसमें कहा गया है कि सात मार्च को विभाग के आदेश से ही मेरी नियुक्ति वरिष्ठ जिला पंजीयक इंदौर के पद पर हुई है। इसी आदेश से मेरे द्वारा यह काम किया जा रहा है।
क्या कह रहे शर्मा और नायडू
इस मामले में दीपक कुमार शर्मा ने यह कहा कि मेरी नियुक्ति शासन स्तर से ही वरिष्ठ जिला पंजीयक तौर पर हुई है, और मैं शासन के आदेश से ही काम कर रहा हूं, मैंने वस्तुस्थिति से शासन स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया है। वहीं डॉ. अमरेश नायडू ने कहा कि शासन ने ही वरिष्ठतम को यह पद सौंपे जाने के लिए पत्र लिखा था, इसी आधार पर कलेक्टर महोदय द्वारा यह जिम्मेदारी के लिए मुझे अधिकृत किया गया है। इसमें कोई बड़ी बात नहीं और ना ही विवाद है, सभी पद समान है, बस वरिष्ठतम के नाते दो-तीन काम कोर्डिनेशन के होते हैं जो अब शर्माजी की जगह मैं करूंगा। बाकी हम दोनों जहां अभी बैठ रहे हैं, हम वहीं बैठकर अपने काम करते रहेंगे।
दोनों एक ही बैच के अधिकारी
शर्मा और नायडू दोनों ही साल 2011 बैच के अधिकारी है। शर्मा मेरिट में आगे थे और उनकी रैंक 27वें नंबर थी तो वहीं नायडू की रैंक 359 थी, यानि काफी पीछे थे, लेकिन वरिष्ठतम का दर्जा नायडू को देने की वजह यह रही कि नौकरी में सबसे पहले ज्वाइनिंग नायडू की थी, शर्मा ने बाद में ज्वाइन किया था, इसलिए शासन के ग्रेडेशन स्तर पर नियमानुसार नायडू सीनियर हो गए।
महानिरीक्षक पंजीयन शेलवेंद्रम से सीधी बात
महानिरीक्षक पंजीयक एम. शेलवेंद्रम से इस मामले में बात की तो उन्होंने साफ कहा कि यह आदेश साल 2012 से ही है लेकिन यह कभी लागू नहीं किया लेकिन, अब इसकी जरूरत लग रही थी, तब हमने चुनाव खत्म होने के बाद यह पत्र जारी कर इसे लागू करने के लिए कहा। इसमें कोई विवाद नहीं है, यह केवल कोर्डिनेशन को ठीक करने के लिए व्यवस्था की गई है। इससे शासन के नियुक्ति ट्रांसफर आदेश को दरकिनार करने वाली कोई बात ही नहीं है, जैसे एक डिप्टी कलेक्टर को कलेक्टर जिले में कहीं भी प्रभार दे सकता है, इसी तरह यह भी कार्य विभाजन ही और इसमें वरिष्ठतम को यह प्रभार दिया गया है। सीनियरिटी में हम शासन की ग्रेडेशन देखते हैं इसमें नायडू सीनियर है।