BHOPAL. बच्चों के इलाज के लिए देश का पहला पीडियाट्रिक ट्रामा इमरजेंसी सेंटर भोपाल एम्स में तैयार हो चुका है। किसी भी हादसे में गंभीर रूप से घायल होने या फिर किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित 18 साल तक के किशोरों का यहां इलाज हो सकेगा। इसके संचालन के लिए बनी एसओपी पर विचार मंथन के लिए अमेरिका से डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि समेत देश के कई पीडियाट्रिक विशेषज्ञ शामिल होंगे।
आज आयोजित है विचार मंथन कार्यक्रम
भोपाल एम्स के डायरेक्टर डॉ अजय सिंह ने बताया कि यह पहला मौका है जब 12 साल और 18 साल तक के बच्चों के लिए पीडियाट्रिक ट्रामा इमरजेंसी सेंटर बनाया गया है। इसके संचालन के लिए एसओपी बनाई गई है जिस पर विचार मंथन किया जाएगा। डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि समेत देश के विभिन्न पीडियाट्रिक स्पेशलिस्ट इसमें शामिल होकर विचार व्यक्त करेंगे।
डॉक्टरों को दी जाएगी ट्रेनिंग
पीडियाट्रिक इमरजेंसी के संबंध में प्रदेश के सभी सरकारी डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इतना ही नहीं जिला अस्पतालों के साथ सीएचसी और पीएचसी स्तर के डॉक्टरों को भी इस बाबत प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे पीडियाट्रिक इमरजेंसी को समझें और सही प्राथमिक उपचार देकर समय पर उन्हें उच्च सुविधायुक्त अस्पताल भेज सकें।
ऐसे होगा इलाज
मौजूद कैजुअल्टी ट्रॉमा सेंटर में ही बच्चों के लिए 10 बिस्तर आरक्षित किए जाएंगे। कैजुअल्टी से पीडियाट्रिक ट्रामा की टीम पीड़ित बच्चों की निगरानी करेगी। टीम यह निर्धारित करेगी कि बच्चों को सर्जिकल स्थिति में लेना है या मेडिकल स्थिति में। इसी के आधार पर आगे के इलाज के लिए संबंधित पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में बच्चों को रेफर किया जाएगा।