राजेंद्र मालवीय, NARMADAPURAM. नर्मदापुरम में नदी के दोनों ओर 100 मीटर के दायरे में निर्माण प्रतिबंधित होने के बावजूद, यहां धड़ल्ले से पक्के निर्माण कराए जा रहे हैं और जिम्मेदार विभागों- नगर पालिका और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अफसर मामले को गंभीर तो बता रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं। अब सवाल उठ रहा है आखिर ये रसूखदार लोग कौन हैं जिन पर इन प्रशासनिक अफसरों का जोर नहीं चल रहा है।
हाईकोर्ट के आदेश की भी अनदेखी
हाईकार्ट का आदेश है कि नर्मदा दी के दोनों किनारें पर 100- 100 मीटर के दायरे (सामान्य जल स्तर) में किसी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं कराया जाएगा। यह आदेश बाढ़ के पानी से हो रहे नदी के किनारे के कटाव और निर्माण कार्यों से बिगड़ रहे पर्यावरण (ग्रीन बेल्ट) के संतुलन को लेकर दिया गया है। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने भी हाईकोर्ट के आदेश के परिपालन में निर्देश जारी किए हुए हैं।
अवैध निर्माणकर्ताओं की विभागों से मिलीभगत !
नर्मदा किनारे प्रतिबंध के बावजूद जिम्मेदार नगर पालिका और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अफसर नर्मदा किनारे अतिक्रमण करने वालों से मिले बताए जाते हैं और इसके एवज में जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि विभागीय अफसरों और भूमाफिया की इस मिलीभगत के कारण नर्मदा किनारे की जमीन के दाम आसमान छू रहे हैं। यहां तक बताया जा रहा है कि एक सामान्य प्लॉट का सौदा भी 40 से 50 लाख रुपए हो गया है। यहां चल रहे अवैध निर्माण को प्रशासन भी मूकदर्शन बना देख रहा है।
सेमिरिटर्न स्कूल का संचालक कर रहा अवैध निर्माण
जानकारी के अनुसार, इन दिनों सदर बाजार स्थित नर्मदा के 100 मीटर के दायरे में पिचिंग को क्षतिग्रस्त कर लगातार नए मकान बनाए जा रहे है। बताया जाता है कि यह भवन सेमिरिटर्न स्कूल संचालक आशुतोष शर्मा का है, इसी अवैध निर्माण से लगा एक प्लॉट और बनाने जा रहा है, इसे संघ के नाम पर दान करना बताया जा रहा है। इस मामले में जब आशुतोष शर्मा से सफाई जानने का प्रयास किया तो उन्होंने इस संबंध में कुछ भी नहीं कहा और फोन काट दिया।
गंभीरता से निरीक्षण कराएंगे- नगर पालिका
इस संबंध में नगर पालिका सीएमओ नवनीत पांडे ने बताया कि नर्मदा किनारे इस प्रकार भवन निर्माण संबंधी अनुमति अभी तक किसी को भी नहीं दी है। इसके बाद भी निर्माण कार्य हो रहा है तो इसे गंभीरता से लेकर निरीक्षण कराएंगे। मामले में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 2012 की स्मार्ट गाइडलाइन के अनुसार अभी तक नर्मदा नदी के 100 मीटर के दायरे में मकान निर्माण की किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं दी गई है। अगर ऐसा है तो वह पूर्णता अवैध माना जाएगा और उनके नियम के अनुसार नर्मदा नदी के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाती है।
नदी के किनारे हरित पट्टी निर्मित का प्रस्ताव
मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 के अनुसार नदियों के दोनों किनारे पौधरोपण कर हरित पट्टी निर्मित किए जाने का प्रस्ताव है। नर्मदा एवं नदी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सघन पौधरोपण हेतु प्रस्तावित है विकास योजना में आमोद-प्रमोद के अंतर्गत कुल 879.70 हेक्टेयर भूमि प्रस्तावित की गई है। जो कुल क्षेत्र का 21.02 प्रतिशत है। नगर उद्यान हेतु निवेश इकाई संरक्षित आदमगढ़ पहाड़ी के आसपास का क्षेत्र पुरातत्व संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप रहेगा अर्थात नर्मदा नदी और 100-100 मीटर के दायरे में पौधरोपण प्रस्तावित है इसलिए किसी प्रकार का निर्माण नहीं हो सकता हैं।