संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर की महू विधानसभा सीट पर कांग्रेस के दो बार के विधायक अंतर सिंह दरबार ने आखिरकार निर्दलीय फार्म भरने का फैसला कर लिया है। वह 27 अक्टूबर को सुबह दस बजे रैली निकालते हुए फार्म भरने के लिए जाएंगे। वहीं इंदौर की सांवेर सीट के साथ ही आलोट सीट से विधायक रह चुके कांग्रेसी नेता प्रेमचंद गुड्डु ने भी 27 अक्टूबर को फार्म भरने की घोषणा कर दी है। वहीं एक और पूर्व विधायक अश्विन जोशी अभी विचार मुद्रा में हैं और वह समर्थकों का मन टटोलने में लगे हुए हैं। एक बैठक वह अपने कार्यालय पर सोमवार को कर चुके हैं और अभी फिर बैठक करने का बोल रहे हैं।
अंतरसिंह दरबार यह कर रहे हैं
द सूत्र से चर्चा करते हुए दरबार ने कहा कि कांग्रेस ने तो नहीं लेकिन मुझे जनता ने टिकट दिया है और उनके ही समर्थन और कहने पर मैं चुनाव लड़ने जा रहा हूं। निर्दलीय तौर पर 27 अक्टूबर को महू में रैली निकालकर फार्म भरूंगा। दरबार एक बार महू में रैली निकाल चुके हैं औऱ् तीन-चार दिन धैर्य रखने की बात कही थी। उल्लेखनीय है कि दरबार 1998 से चुनाव लड़ रहे हैं और वह 1998, 2003 में जीते औऱ् फिर लगातार तीन बार चुनाव हारे हैं, 2008, 2013 में बीजेपी के कैलाश विजयवर्गीय से तो वहीं 2018 में उषा ठाकुर से चुनाव हारे थे। इस बार कांग्रेस ने बीजेपी से आए रामकिशोर शुक्ला को टिकट दिया है।
प्रेमचंद गुड्डु भी 27 को ही भरेंगे फार्म
सांवेर औऱ् आलोट के पूर्व विधायक व आलोट के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुडुड् 27 अक्टूबर को निर्दलीय फार्म भरेंगे। उनके बेटे अजीत बौरासी ने बताया कि सभी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के समर्थन और दबाव के चलते चुनाव मैदान में उतर रहे हैं लेकिन इससे कांग्रेस से रिश्ता खत्म नहीं हो जाता, नाराजगी भले ही हो। यहां से मौजूदा विधायक मनोज चावला की स्थिति ठीक नहीं है और वह खुद नहीं लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी ने फिर भी उन्हेंट टिकट दिया। इसलिए चुनाव लड़ रहे हैं।
अश्विन जोशी अभी विचार मुद्रा में
वहीं पांच बार इंदौर विधानसभा तीन से चुनाव लड़ चुके अश्विन जोशी ने सोमवार को अपने सर्मथकों के साथ बैठक की थी और मंगलवार को फिर मुलाकात कर रहे हैं। कांग्रेस से उनका टिकट काटकर प्रत्याशी बनाए गए चचेरे भाई पिंटू जोशी से उनकी मुलाकात सद्भाव माहौल में हो चुकी है। पिंटू बोल चुके हैं कि बड़े भाई है, पैर पकड़ लूंगा, कान पकड़कर माफी मांग उन्हें मना लूंगा, वही कोशिश जारी है। जोशी 1998 से ही इस सीट से चुनाव लड़कर जीत की हैट्रिक बना चुके हैं लेकिन 2013 और 2018 में चुनाव हारने के बाद उनका टिकट काटा गया है। जानकारी के अनुसार बैठक में दो बातों पर चर्चा हो रही है पहला कि चुनाव में उतरना चाहिए या नहीं, दूसरा पिंटू को किस तरह समर्थन देकर उनकी मदद कर रहे हैं। पार्टी और उनके करीबी कोशिश कर रहे हैं कि वह पिंटू को मदद करने के लिए जोशी मैदान में उतर जाएं और चुनाव लड़ने की जिद छोड़ दें।
इधर बागड़ी और बम का विरोध हुआ खत्म
वहीं कांग्रेस से विधानसभ चार से टिकट मांग रहे अक्षय बम ने वहां से टिकट नहीं होने पर बड़नगर से भी टिकट मांगा था लेकिन वह भी नहीं हुआ। लेकिन अभी तक वह निर्दलीय चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है। हालांकि समर्थकों ने राजा मांधवानी का विरोध किया और पुतले भी जलाए लेकिन दो दिन में ही मामला ठंडा हो गया। उधर अरविंद बागड़ी जो कांग्रेस से विधानसभा तीन से दावेदार थे उन्होंने भी पार्टी लाइन से बाहर जाने से इंकार कर पार्टी का फैसला मंजूर कर लिया है। हालांकि वह कार्यवाहक शहराध्यक्ष बनने की कोशिश में हैं, और उनके समर्थक भोपाल भी होकर आ गए, अग्रवाल समाज भी काफी प्रयास कर रहा है लेकिन बात अभी तक नहीं बनी है और सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ ने कह दिया है कि धैर्य रखें राजनीति में कई मौके आगे आएंगे।
बीजेपी के देपालपुर टिकट विरोध में राजेंद्र चौधरी उतरेंगे मैदान में
उधर हिंदूवादी संगठन जबरेशवर सेना के राजेंद्र चौधरी ने देपालपुर से टिकट नहीं मिलने के विरोध में 30 अक्टूबर को निर्दलीय फार्म भरने की घोषणा कर दी है। उनके समर्थकों ने देपालपुर के साथ ही उज्जैन, सांवेर व कई जगह पर उन्हें टिकट नहीं दिए जाने पर विरोध किया था और रैली निकाली, पुतले जलाए थे। पार्टी ने इसके बाद भी देपालुपर से बीजेपी से बीता चुनाव हारे मनोज पटेल को टिकट दिया। इसके बाद चौधरी ने समर्थकों के साथ बैठक कर निर्दलीय मैदान में उतरने का फैसला कर लिया। मनोज पटेल पांचवी बार इस सीट से चुनाव लड़ेंगे वह 2003 से लड़ रहे हैं, 2003 औऱ् 2013 का चुनाव जीत चुके और 2008 व 2018 का हार चुके हैं।