संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर की महू (डॉ. आमंबेडकर नगर) की विधानसभा सीट पर पांच बार कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके और दो बार विधायक रह चुके अंतरसिंह दरबार ने शनिवार को महू में बड़ी रैली निकाली। टिकट कटने के विरोध में निकली इस रैली में कार्यकर्ताओं की भीड़ के बाद दरबार का जोश दोगुना हो गया और साफ कर दिया है कि वह 3-4 दिन तक धैर्य रखे हुए हैं, तय नहीं हुआ तो जो जनता कहेगी वह करेंगे। उन्होंने कांग्रेस के सर्वे पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सर्वे को लेकर यह बोले दरबार
दरबार ने कहा कि मैं इस सवाल का जवाब ढूंढ रहा हूं कि किस मानदंड से टिकट दिया है और हमारा काटा गया है, क्या सर्वे में मुझसे ज्यादा उनके नंबर थे? सौ फीसदी यह सत्य है कि सर्वे में मेरा नाम सबसे ऊपर था मेरे अलावा सर्वे में किसी के भी इतने नंबर नहीं थे। जिन्हें टिकट दिया गया वह जब 2003 में कांग्रेस की सरकार जब गई थी, तब कार्यकर्ताओं को रोता बिलखता छोड़, जनता को छोड़कर वह बीजेपी में चले गए थे। आज डेढ़ माह सरकार, सत्ता में समय बचा है और 27 दिन पहले वह पार्टी में आए और उन्हें टिकट दिया गया है।
हाईकमान ने कहा है हम विचार कर रहे हैं
दरबार ने कहा कि हाईकमान का फोन आया था, मुझे कहा गया है कि हम विचार कर रहे हैं। आप धैर्य रखिए। 30 अक्टूबर को नामांकन का अंतिम दिन है, हम उन्हें तीन-चार दिन का समय दे रहे हैं। तब तक धैर्य रखे हुए हैं। इसके बाद जो जनता जो कहेगी, मुझे टिकट जनता देगी तो मैं भी लडूंगा।
दरबार 1998 से लड़ रहे हैं चुनाव
दरबार को साल 1998 में पहली बार विधानसभा का कांग्रेस ने टिकट दिया था, वह 1998 और 2003 में लगातार दो बार विधायक चुने गए। लेकिन साल 2008 और 2013 में वह कैलाश विजयवर्गीय से और फिर 2018 में बीजेपी की उषा ठाकुर से चुनाव हार गए थे। इस बार कांग्रेस ने उनकी जगह एक महीन पहले बीजेपी से कांग्रेस में लौटे रामकिशोर शुक्ला को टिकट दिया है। इससे दरबार नाराज है।