BHOPAL. उज्जैन में महाकाल लोक के बाद अब ओंकारेश्वर में मांधाता पर्वत पर एकात्म धाम का जल्द ही शुभारंभ होने वाला है। मप्र सरकार ने सलकनपुर देवी लोक, दतिया के पीतांबरा पीठ में पीतांबरा माई लोक, ओरछा में रामराजा लोक, चित्रकुट में वनवासी लोक, छिंदवाड़ा के जामसावली में हनुमान लोक और महेश्वर में देवी अहिल्या बाई लोक बनाने की बात कही है। सरकार की इन घोषणाओं के बीच विदिशा जिले के रावण गांव से रावण लोक बनाने की मांग उठी है। इसको लेकर लंकेश्वर समाज कल्याण समिति ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। साथ ही समिति ने रावण बाबा के मंदिर को संस्कृति विभाग से जोड़ने और विकास की मांग की है।
सालों पुरानी है रावण की लेटी हुई विशाल प्रतिमा
विदिशा जिले की नटेरन तहसील के रावण गांव के लोगों ने शिवराज सरकार से रावण लोक बनाने मांग की है। इस गांव में रावण की लेटी हुई अवस्था में प्राचीन विशाल प्रतिमा है और मंदिर है। इस प्रतिमा की लंबाई 10 फीट है। यहां परमार काल का एक मंदिर है। इस मंदिर में प्रतिदिन रावण की पूजा होती है। किसी भी शुभ कार्य से पहले गांव के लोग मंदिर में रावण की पूजा अर्चना करते हैं। मंदिर में रावण की आरती भी लिखी हुई है।
ग्रामीणों ने की रावण लोक बनाने की मांग
अब गांव के लोगों ने यहां रावण लोक बनाने की मांग की है। इसको लेकर लंकेश्वर समाज कल्याण समिति ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। समिति ने सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि रावण गांव में रावण बाबा के मंदिर को संस्कृति विभाग से जोड़ा जाए और यहां विकास के कार्य करवाए जाएं।
रावण मंदिर के सामने घूंघट ले लेती हैं महिलाएं
विदिशा जिले की नटेरन तहसील में स्थित रावण गांव जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर स्थित है। इस गांव के कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार खुद को रावण का वंशज मानते हैं और रावण को पूजते हैं। ये लोग रावण को रावण बाबा कहते हैं। कहा जाता है कि जब भी गांव की महिलाएं रावण के मंदिर के सामने से गुजरती हैं तो घूंघट कर लेती हैं।
रावण बाबा को दिया जाता है सबसे पहला आमंत्रण पत्र
रावण गांव के लोग रोज रावण मंदिर में दर्शन-पूजन करने जाते हैं। गांव में जब भी किसी परिवार में मांगलिक कार्य होता है तो परिवार द्वारा सबसे पहला आमंत्रण पत्र रावण बाबा को दिया जाता है।यहां लोग अपने वाहनों पर भी रावण लिखवाते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि रावण बाबा उनकी रक्षा करते हैं और अपने उपासकों के जीवन से बुरे प्रभावों को दूर करते हैं।
मप्र में यहां भी होती है रावण की पूजा
1. मप्र के राजगढ़ जिले के भाटखेड़ी गांव में रावण और कुंभकर्ण की प्रतिमाएं बनी हुई हैं। यहां के लोग मानते हैं कि रावण उनकी मन्नत पूरी करते है, इसलिए ग्रामीण यहां रोज पूजन-अर्चन करते हैं। यहां आस-पास के गांव के लोग भी मन्नत मांगने आते हैं।
2. रावण की पत्नी मंदोदरी मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले से मानी जाती है। ऐसे में यहां रावण को दामाद माना जाता है और उसे सम्मान के साथ रावण बाबा बोला जाता है।
3. उज्जैन जिले के काचिखली गांव में भी दशहरे के दिन रावण की पूजा की जाती है।