RAIPUR. राजस्थान के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी मतदान की तारीख आगे बढ़ाने की मांग उठने लगी है। मांग उठाने वाले कोई और नहीं बल्कि उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव है। उन्होंने आशंका जताई है की हिंदुओं के बड़े त्योहार के कारण तय तारीख में मतदान में कमी आ सकती है। मीडिया को दिए गए एक बयान में सिंहदेव ने कहा कि एक तरफ चुनाव आयोग चाहती है कि शत- प्रतिशत मतदान हो और यह उनका घोषित टारगेट है तो उसे मतदान की तारीखों पर फिर से विचार करना चाहिए।
चुनाव की तारीखों को बदलने की मांग
चुनाव आयोग एक राष्ट्रीय स्वायत्त संस्था है, जो चुनाव कराती है। इनके विवेक और उनके सूझबूझ पर निर्भर करता है कि चुनाव कब आयोजित करना है। सिंहदेव ने कहा कि इस दरमियान, दशहरे का त्योहार है, दिवाली का त्योहार है, एकादशी है, भाई दूज का त्योहार है, गोवर्धन पूजा भी है और छठ का त्योहार है। हमको और आपको जानकारी है, ऐसा नहीं है उनको पता ना हो, सभी को पता है कि देश में कौन-कौन से प्रमुख त्योहार हैं। इन सबको ध्यान में रखकर ही चुनाव आयोग ने निर्णय लिया होगा की कब मतदान कराने हैं।
सिंहदेव ने ये कहा...
सिंहदेव ने आगे कहा कि जहां तक वोट परसेंटेज कम होने का सवाल है, तो वह किसी एक राजनीतिक दल का कम नहीं होगा क्योंकि इन त्योहारों में सभी धर्म समाज के लोग शामिल होते हैं। सवाल इसका नहीं है, सवाल इसका है कि चुनाव आयोग चाहता है कि शत प्रतिशत मतदान हो इसके लिए वह उपाय करता है। दिव्यांग है या बुजुर्ग हैं तो उनके घर जाकर मतदान ले रहा है। कहीं वोटिंग संख्या ज्यादा ना हो तो 15 वोट के लिए भी मतदान केंद्र खोल रहे हैं। अगर चुनाव आयोग की मनसा है की ज्यादा से ज्यादा वोट पड़े तो उन्हें फैसला लेना होगा।