BHOPAL. छतरपुर के लवकुशनगर से डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे इस्तीफा देने के बाद से लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। तमाम कयास के बाद निशा बांगरे ने राजनीति की दुनिया में कदम रखने की घोषणा कर दी है। निशा बांगरे ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में मैं नामांकन भरूंगी भी,और चुनाव लडूंगी भी, दुनिया की कोई ताकत मुझे चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती। अब निशा बांगरे का यह वीडियो मैसेज सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में सनसनी मच गई है। फिलहाल यह बात सामने नहीं आई है कि निशा किस पार्टी से या निर्दलीय चुनाव लड़ेगीं।
वीडियो जारी कर किया चुनाव लड़ने का ऐलान
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने वीडियो जारी करते हुए ऐलान कि है कि दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती और अगर दुर्भावना पूर्ण कार्रवाई के द्वारा उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाता है या उन्हें परेशान करने की नीयत से उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता है तो वह आमरण अनशन करके अपने प्राण त्याग देंगी, परंतु अपने अधिकारों से समझौता करके जीना पसंद नहीं करेंगे। यदि द्वेष पूर्ण भावना के द्वारा मेरा नामांकन खारिज किया जाता है या मेरा इस्तीफा अस्वीकार करके चुनाव लड़ने से रोका जाता है तो अपने अधिकारों से वंचित रहकर जीवित रहने से बेहतर मैं आमरण अनशन कर अपने प्राण त्यागना पसंद करूंगी।
नोटिस और जांच शुरू कर मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा
उन्होंने अपनी वीडियो मैसेज में जनता के सामने अपनी बात भी रखी और बताया कि किस तरीके से उन्हें अपने ही घर के उद्घाटन कार्यक्रम में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना में जाने से और भगवान बुद्ध की अस्थियों के दर्शन करने से शासन के पत्र द्वारा उन्हें रोका गया और जब इससे आहत होकर उन्होंने इस्तीफा दिया तो उन्हें तरह तरह से परेशान किया जा रहा है। इस्तीफा उन्होंने इसलिए दिया था ताकि वह अपने घर पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हो सके। इसलिए इस्तीफा देने के बाद ही वह कार्यक्रम में सम्मिलित हुई। इसके बावजूद शासन से बैक डेट पर उन्हें नोटिस जारी किए गए। 1 महीने तक उनके इस्तीफा पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। और इसके बाद जब वह हाई कोर्ट की शरण में गई तो कोर्ट को भी गुमराह करते हुए शासन ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी GAD के सर्कुलर के विपरीत उनके खिलाफ अपने घर के कार्यक्रम में सम्मिलित होने के कारण विभागीय जांच शुरू कर दी और फिर उसी जांच का हवाला देकर उनके इस्तीफा को अस्वीकार कर दिया।
बेवजह विभागीय जांच से अधिकारी वर्ग भी परेशान
वीडियो मैसेज में निशा बांगरे ने कहा कि इस प्रकार उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस तरीके से एक दलित महिला अधिकारी को बेवजह प्रताड़ित करने से संपूर्ण दलित समुदाय, आदिवासी समुदाय और सभी महिलाओं में आक्रोश है। एक अधिकारी के खिलाफ बेवजह विभागीय जांच शुरू किए जाने से अंदर खाने अधिकारी वर्ग भी व्यथित हैं और शासन के इस कृत्य से उनके मन में भी दुख और असंतोष है। उन्होंने अपने वीडियो मैसेज से आमला की जनता को यह स्पष्ट संदेश दे दिया कि वह विधानसभा चुनाव लड़ने वाली हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किस पार्टी से चुनाव में खड़ी होंगी, या वह निर्दलीय चुनाव लड़ने वाली हैं।
निशा की घोषणा से आमला में सियासी हलचल तेज
इधर, निशा बारंगे का वीडियो मैसेज सामने आने के बाद बीजेपी और कांग्रेस के सभी दावेदारों में खलबली मच गई है, जो अब तक यह सोच रहे थे कि शायद उसके इस्तीफा को रोककर उन्हें राजनीति में जाने से रोका जा सकता है वह सब उनके खुले तौर पर चुनाव लड़ने के घोषणा से परेशान नजर आए। बैतूल के आमला विधानसभा क्षेत्र में इस तरह की चर्चा है कि निशा बांगरे कांग्रेस से टिकट लेकर चुनाव लड़ना चाहती हैं।