BETUL. अपना इस्तीफा मंजूर नहीं होने पर डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने सरकार के खिलाफ न्याय पद यात्रा निकाल दी है। अपने समर्थकों के साथ गोद में अपने बच्चे को लेकर निशा ने भोपाल के लिए कूच कर दी है। आमला से शुरू हुई निशा की यात्रा अलग-अलग पड़ाव के बाद 11 दिनों में भोपाल पहुंचेगी। निशा बांगरे का कहना है कि अगर इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ तो वे मुख्यमंत्री निवास के सामने आमरण अनशन पर बैठेंगी।
निशा बोलीं- मुख्यमंत्री निवास भोपाल तक जाऊंगी
निशा बांगरे का कहना है कि उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। मैं आज आमला से पैदल यात्रा करके मुख्यमंत्री निवास भोपाल तक जाऊंगी। जहां रास्ते पर मुझे खाने मिलेगा वो खाऊंगी, जहां सोने मिलेगा वहां सोऊंगी। मैं शासन-प्रशासन के मुखियाओं के लिए सद्बुद्धि की प्रार्थना करती हूं और पैदल यात्रा शुरू करती हूं।
'मध्यप्रदेश शासन कर रहा रोकने की कोशिश'
निशा बांगरे ने बताया कि उन्हें ये यात्रा इसलिए करनी पड़ रही है क्योंकि अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में कहा कि अभी तो MPPSC से सहमति लेनी बाकी है। मुझे रोकने का प्रयास मध्यप्रदेश शासन कर रहा है। हाईकोर्ट में गलत पैरवी की जा रही है। जब उनके बीजेपी के किसी उम्मीदवार को टिकट देना होता है तो एक दिन में अनुमति ले ली जाती है। सुबह टिकट देकर शाम को बीजेपी जॉइन करा दी। मैं यहां साढ़े 3 महीने से गुहार लगा रही हूं।
हाईकोर्ट का आदेश
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफे को लेकर हाईकोर्ट जबलपुर का ताजा आदेश सामने आया है। कोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को आदेश दिया है कि वह निशा बांगरे के खिलाफ चल रही जांच को 10 दिन में खत्म कर इस्तीफे पर अंतिम फैसला करें और इसके क्रियान्वयन की रिपोर्ट 9 अक्टूबर तक कोर्ट के सामने पेश करें।
आदेश में ये भी कहा
हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक, एक अंतरिम उपाय के रूप में यह निर्देश दिया जाता है कि यदि याचिकाकर्ता आज से 3 दिन के भीतर प्राधिकरण यानी प्रतिवादी नंबर 2 ( सामान्य प्रशासन विभाग ) के पास जाता है और आरोपों को स्वीकार करता है, तो प्रतिवादी नंबर 2 अगले 10 दिन में अनुशासनात्मक कार्यवाही समाप्त करेगा और लिस्टिंग की अगली तारीख तक उसका परिणाम रिकॉर्ड पर लाएगा।
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निशा बांगरे ने 22 जून को दिया था इस्तीफा
छतरपुर जिले में तैनात एसडीएम निशा बांगरे ने 22 जून 2023 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने ये आरोप लगाया था कि उन्हें अपने पैतृक जिले बैतूल में घर के गृह प्रवेश के दौरान सर्वधर्म सम्मेलन आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई। उस वक्त राज्य सेवा की अधिकारी निशा बांगरे छतरपुर में तैनात थीं। वे मूल रूप से बैतूल जिले के आमला की रहने वाली हैं। अभी वे बच्चे की देखभाल के लिए अवकाश पर हैं।