BHOPAL. मध्यप्रदेश के भोपाल में दलित डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे सुर्खियों में बनी हुईं हैं। सोमवार को बैतूल से भोपाल पहुंची निशा की न्याय पदयात्रा आज भूख हड़ताल पर उतर आई है। दरअसल, सरकार ने निशा के कलेक्टर पद से इस्तीफे की मांग को मंजूरी नहीं दी थी। जिस वजह से वह विरोध प्रदर्शन कर रहीं हैं।
निशा बांगरे के कपड़े फटे
छतरपुर जिले के लवकुशनगर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने बैतूल से भोपाल तक की पद यात्रा निकाली। निशा की पदयात्रा सीएम हाऊस की ओर बढ़ रही थी, तब उन्हें बोर्ड ऑफिस चौराहे पर पुलिस ने रोक दिया। इस दौरान निशा बांगरे की पुलिस से झूमाझटकी हो गई और उनके कपड़े फट गए। पुलिस ने निशा को गिरफ्तार कर भोपाल कोर्ट में पेश किया। जहां उन्होंने जमानत मुचलका भरने से इनकार कर दिया है। उनके खिलाफ धारा 151 के तहत कार्रवाई की गई और भोपाल सेंट्रल जेल भेज दिया गया। मंगलवार को निशा बांगरे जेल में भूख हड़ताल पर बैठ गईं हैं।
बांगरे ने क्यों दिया इस्तीफा
दलित समुदाय से आने वाली डिप्टी कलेक्टर ने जून में अपने नए घर के गृह प्रवेश कार्यक्रम में कई बड़े नेताओं को आमंत्रित किया था। इस कार्यक्रम के लिए बांगरे ने छु्ट्टी मांगी थी, जो कि मंजूर नहीं की गई थी। इस दौरान बांगरे ने इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि बांगरे ने कार्यक्रम में श्रीलंका के न्याय मंत्री विजयादासा राजपक्षे को आमंत्रित किया था। अंतरराष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन में शामिल होने के लिए बुलाए गए श्रीलंका के न्याय मंत्री के साथ 11 देशों के लोगों की परमीशन नहीं ली गई थी। इनके वीजा की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और एसपी -कलेक्टर को नहीं दी गई थी।
कौन हैं निशा बांगरे
सिलेब्रिटी की तरह चर्चा में आईं निशा बांगरे मप्र के बालाघाट जिले में जन्मी हैं। निशा ने पहले इंजीनियरिंग की थी, उसके बाद उन्होंने एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की थी। उसके बाद उन्होंने सिविल सर्वेस की पढ़ाई कर परिक्षा पास की और 2016 में डीएसपी का पद पर चुना गईं। एक साल बाद 2017 में उनका एमपी में डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हो गया, जिसके बाद इनकी पहली पोस्टिंग बैतूल के आवला क्षेत्र में हुई।