कड़ी कोशिश के बाद भी टिकट नहीं दिला सकीं वसुंधरा, युनुस लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव

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The Sootr
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कड़ी कोशिश के बाद भी टिकट नहीं दिला सकीं वसुंधरा, युनुस लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव

JAIPUR. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कड़ी कोशिश के बाद भी अपनी सरकार के मंत्री और सबसे विश्वासपात्र नेताओं में शामिल यूनुस खान को टिकट नहीं दिलवा सकीं। यूनुस खान ने बीजेपी छोड़ दी है और अब वह सोमवार को नागौर जिले की डीडवाना सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करेंगे। शनिवार को युनूस खान ने अपने समर्थकों के साथ रैली निकाल कर सभा की। जिसमें सोमवार को नामांकन दाखिल करने की घोषणा की गई है।

वसुंधरा के करीबी यूनुस खान ने छोड़ी BJP

सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री यूनुस खान ने कहा कि मैंने लंबे समय तक पार्टी की सेवा की है, लेकिन जो निर्णय हुआ है उसमें मुझे नहीं बल्कि हमारे कार्यकर्ताओं की भावनाओं के साथ अच्छा नहीं हुआ। इसलिए मैं कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए जनता की मांग बीजेपी छोड़कर चुनाव लड़ने की घोषणा करता हूं। उनका कहना है कि अब हमारे पास समय कम है, सोमवार को नामांकन दाखिल करना है, इसके बाद जनता को ही मेहनत करनी है। आप सभी के आशीर्वाद से मैं चुनाव लडूंगा। खान बोले कि पार्टी ने मुझे टिकट नहीं दिया इसका मुझे दुख नहीं है, लेकिन पार्टी ने संगठन में जिम्मेदारी भी नहीं दी इस बात का दुख जरुर है।

वसुंधरा ने की थी कोशिश

यूनुस खान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सबसे विश्वासपात्र नेताओं में गिने जाते रहे हैं। वसुंधरा राजे के पिछले कार्यकाल में वे सरकार में सार्वजनिक निर्माण मंत्री थे। वसुंधरा राजे ने उन्हें टिकट दिलाने के लिए कड़ी कोशिश की लेकिन फिर भी सफल नहीं हो पाई। बताया जा रहा है कि कोर ग्रुप की बैठक के दौरान यूनुस खान के टिकट को लेकर उनकी पार्टी के नेताओं से बहस भी हुई लेकिन अंतत पार्टी ने उनकी बात नहीं मानी और उनकी परंपरागत डीडवाना सीट से जितेंद्र सिंह जोधा को एक बार फिर मैदान में उतार दिया। दरअसल यूनुस खान अब तक नागौर जिले के डीडवाना से ही चुनाव लड़ते रहे हैं लेकिन पिछले चुनाव में पार्टी ने उन्हें टोंक सीट पर सचिन पायलट के सामने मैदान में उतार दिया था और डीडवाना सीट से जितेंद्र सिंह जोधा को ही टिकट दिया था लेकिन वे हार गए थे। इस बार पार्टी ने टोंक सीट से अजीत सिंह मेहता को और डीडवाना सीट से जोधा को टिकट दे दिया है। ऐसे में यूनुस खान के पास निर्दलीय चुनाव लड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था।

पिछली बार भी अंतिम समय में मिला था टिकिट

यूनुस खान राजस्थान बीजेपी के एकमात्र प्रमुख मुस्लिम चेहरा रहे हैं। पिछले चुनाव में भी उन्हें टिकट देने को लेकर वसुंधरा राजे को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी और पार्टी ने बिल्कुल अंतिम समय में जाकर उन्हें टोंक से प्रत्याशी घोषित किया था। जानकारी के मुताबिक वैसे तो ये सीट मुस्लिम बाहुल्य सीट है लेकिन पिछले चुनाव में सचिन पायलट कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे इसलिए यहां से यूनुस खान चुनाव नहीं जीत पाए। बताया जा रहा है कि इस बार भी शुरू से ही वह डीडवाना सीट पर मेहनत कर रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि बीजेपी ने राजस्थान में अभी तक एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा है हालांकि अभी 16 सीटों पर नाम आने बाकी है। लेकिन किसी मुस्लिम को अब कोई टिकट मिलेगा इसकी संभावना बहुत कम बताई जा रही है।

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