संजय गुप्ता, INDORE. पूर्व सीएम दिग्वजिय सिंह के भाई और पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस की हार के लिए सबसे ज्यादा भीतरघात को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि ईवीएम हर जगह गलत और गड़बड़ नहीं हो सकती है, संभव है कुछ जगह ऐसा हुआ हो लेकिन पार्टी की हार की सबसे बड़ी वजह भीतरघात है और इसी की वजह से पार्टी लगातार हार रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी पार्टी के सर्वे में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन रही थी, यह सही था लेकिन चुनाव के तीन-चार दिन पहले जमकर भीतरघात किया गया और यही पार्टी की हार की सबसे बड़ा कारण बना।
ईवीएम को दोष दे दो, क्योंकि मशीन का मुंह नहीं होता
वहीं ईवीएम पर गगरी फोड़ने वाली बातों पर उन्होंने कहा कि 20 सालों से पोस्टल बैलेट की मांग कर रहे हैं। चुनाव आयोग, मीडिया, जनता के बीच, सोशल मीडिया सभी जगह यह मांग हम कर रहे हैं, लेकिन आज तक कानून का सहारा नहीं लिया। ऐसा क्यों? शायद भीतरघात को छिपाने के लिए ईवीएम को दोष दे दो, क्योंकि मशीन का मुंह नहीं होता।
बोले आईआरएस की पत्नी लड़ी, खूब ब्लैक मनी चली
सिंह ने द सूत्र से चर्चा में कहा कि चुनाव में ब्लैक मनी भी जमकर चली, मेरी विधानसभा चाचौंड़ा (गुना जिला) में तो यह खूब चला। एक आईआरएस की पत्नी प्रत्याशी थी, उसके बाद भी यहां सब हुआ तो फिर किससे जाकर शिकायत करें? सिंह ने यह भी कहा कि कांग्रेस को अपने कार्यकर्ताओं को संभालना होगा, उनकी रक्षा करना होगा, चुनाव के पहले मसल्स, मनी पॉवर का उपयोग कर इन्हें धमकाया जाता है और इसमें हमारे भीतरघात करने वाले भी शामिल है। भीतरघात करने वालों को पहचान कर बाहर करना होगा, मैंने तो अपने क्षेत्र में पहचान कर पार्टी को बता दिया है।
61 हजार वोट से हारे हैं सिंह
इस बार गुना जिले की चाचौड़ा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय था। बीजेपी उम्मीदवार दिल्ली में पदस्थ आईआरएस अधिकारी प्रद्दयुम्न मीना की पत्नी प्रियंका मीना थी। वह फरवरी में ही बीजेपी में शामिल हुई थी। उन्हें चुनाव में 110254 वोट मिले, इसके मुकाबले कांग्रेस उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह को 49684 मत ही हासिल हो पाए, बीजेपी से आप में गई ममता मीना को 27405 वोट मिले। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह बीजेपी प्रत्याशी प्रियंका मीना से 61570 वोटों से चुनाव हार गए। हालांकि लक्ष्मण सिंह ने पोस्टल बैलेट्स में सभी प्रत्याशियों से ज्यादा 562 वोट हासिल किए। 2018 के विधानसभा चुनाव में लक्ष्मण सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी ममता मीना को 9797 वोटों से चुनाव हराया था। 31 साल की प्रियंका मीना मध्य प्रदेश की सबसे युवा विधायक बनी हैं।