मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में बीजेपी की दूसरी लिस्ट के बाद भी कुछ सीटों पर बवाल होता दिख रहा है। सबसे ज्यादा विरोध चित्तौड़गढ़ के मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काटने का हो रहा है। पार्टी ने यहां से आक्या का टिकट काटकर नरपत सिंह राजवी को दिया है। यानी एक को खुश करने के लिए पार्टी ने दूसरे को नाराज कर दिया है। चित्तौड़गढ़ के मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने यहां तक आरोप लगाए हैं कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और मेरा कॉलेज के दिनों से झगड़ा है। मुझे जानकारी थी कि वे मेरा टिकट काटेंगे। विरोध के स्वर अलवर और उदयपुर में भी सुनाई दे रहे हैं।
राजवी को टिकट तो आक्या नाराज
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की 41 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट के बाद लगभग आधा दर्जन सीटों पर विरोध की स्थिति सामने आई थी। अब दूसरी लिस्ट में 83 प्रत्याशियों के नाम हैं और लिस्ट जारी होने के साथ ही कुछ सीटों पर विरोध के स्वर सुनाई देने लगे हैं। पार्टी को सबसे ज्यादा विरोध की स्थिति का सामना चित्तौड़गढ़ सीट पर करना पड़ रहा है। ये पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का संसदीय क्षेत्र है। पार्टी ने यहां से मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काटकर विद्याधर नगर के मौजूदा विधायक नरपत सिंह राजवी को दे दिया है। जब राजवी का टिकट काटकर दिया कुमारी को दिया गया था, तब राजवी भी नाराज हुए थे। अब आक्या का टिकट काटकर राजवी को दिया गया है, तो आक्या नाराज हो रहे हैं। लिस्ट जारी होने के बाद चित्तौड़गढ़ में कार्यकर्ताओं ने सीपी जोशी के खिलाफ नारे लगाए और जबरदस्त विरोध प्रदर्शन भी किया।
'मुझे पता था टिकट काटेंगे'
आक्या ने कहा कि ये लोकल झगड़ा है। मैं यहां से ABVP का कार्यकर्ता था और सीपी जोशी NSUI में थे। ये लड़ाई तब से चली आ रही है। वे NSUI से प्रेसिडेंट भी बने। उस समय भी विवाद था। सीपी जोशी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने। इसके बाद से ही उनके मन में मेरे लिए खुन्नस है। इसी खुन्नस के कारण उन्होंने मेरा टिकट काटा है। काफी दिनों से मुझे इसकी जानकारी भी थी कि वे मेरा टिकट जरूर काटेंगे। उन्होंने मेरा टिकट काटकर बहुत अच्छा काम किया है। उनको बहुत-बहुत धन्यवाद।
'हर्जाना भुगतना होगा'
आक्या ने कहा कि इसका नुकसान संभाग के साथ-साथ चित्तौड़गढ़ जिले की अन्य सीटों पर भी होगा और इसका हर्जाना इनको भुगतना जरूर पड़ेगा। यहां बरसों से हमने बाहरी प्रत्याशियों को झेला है। चाहे विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव, बाहरी प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। नरपत सिंह राजवी के पहले का कार्यकाल भी सब जानते हैं। अब जनता का जो भी डिसीजन होगा, वो अच्छा ही होगा। विवाद और कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के घर की सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। सीपी जोशी और चंद्रभान सिंह आक्या का घर एक ही कॉलोनी में है।
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उदयपुर में भी सामने आया विरोध
उदयपुर में बीजेपी के ताराचंद जैन को उम्मीदवार बनाने के बाद उदयपुर शहर से डिप्टी मेयर पारस सिंघवी का विरोध सामने आया है। वे कार्यकर्ताओं के बीच इमोशनल हो गए और कहा कि पार्टी फिर से विचार करे, नहीं तो अब आर-पार की लड़ाई लड़नी होगी। पारस ने इस मौके पर असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया को भी निशाने पर लिया और कहा कि वे उदयपुर की राजनीति को दूषित कर रहे हैं। पार्टी ने आज जिस ताराचंद जैन को टिकट दिया, ये वही व्यक्ति है, जिसने 5 साल पहले पार्टी को हराने का काम किया। कटारिया को ही हराने का काम किया है। जनता के सम्मान का अपमान किया है। कटारिया ने मेरे साथ अच्छा नहीं किया, सजा भुगतनी पड़ेगी। ऊपर वाला सब देख रहा है। इसके साथ ही अलवर से संजय शर्मा और बूंदी से अशोक डोगरा को प्रत्याशी बनाए जाने का भी विरोध हुआ। ये दोनों ही मौजूदा विधायक हैं।