500 रुपए फीस चुकाकर लाखों युवाओं ने परीक्षा दी, अब बैंक बोल रहा हम नहीं दे सकते नौकरी, सैलरी ही नहीं दे पाएंगे

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Chakresh
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500 रुपए फीस चुकाकर लाखों युवाओं ने परीक्षा दी, अब बैंक बोल रहा हम नहीं दे सकते नौकरी, सैलरी ही नहीं दे पाएंगे

BHOPAL. चुनाव गुजर गए। चलिए अब हसीन ख्वाबों से निकलकर कठोर धरातल पर आते हैं। बहन, बुआ, भाभी, चाची और ताई सबके लिए भरपूर बजट होने का दावा पूरे चुनाव में लगातार किया गया। लगातार ही ऐसी बातें भी की गईं कि प्रदेश में पैसे की कोई कमी नहीं है। लेकिन इस खबर के साथ अटैच चिट्ठी मध्य प्रदेश के उन युवाओं के सपनों और मेहनत पर पानी फेर सकती है, जिन्होंने बड़ी मेहनत के बाद सरकारी नौकरी पाई थी, लेकिन अफसोस…

क्या है पूरा मामला

दरअसल 5 दिसंबर को अपेक्स बैंक से संबंधित केंद्रीय जिला सहकारी बैंकों की एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई थी। जिसमें मध्य प्रदेश के सभी केंद्रीय जिला सहकारी बैंकों को निर्देश दिया गया था कि आईबीपीएस के माध्यम से सिलेक्ट हुए उम्मीदवारों को सोसाइटी मैनेजर के रूप में नियुक्तियां दी जाना हैं। बता दें कि आईबीपीएस यानी Institute of Banking Personnel Selection (IBPS) इंस्टिट्यूट ऑफ़ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन के माध्यम से ही अब देश के सभी बैंकों में नियुक्तियां की जाती हैं।

इसी के तहत प्रदेश के जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों में भी MP Cooperative Bank Recruitment 2022 के तहत मध्य प्रदेश के सहकारी बैंक में बम्पर

भर्तियां मार्च 2023 में निकाली गई थीं। तब राज्य के 35 जिला सहकारी बैंकों में क्लर्क/कंप्यूटर ऑपरेटर और सोसायटी मैनेजर के 2000 से ज्यादा पदों पर भर्ती होना थीं। आवेदन करने की आखिरी तारीख 25 दिसंबर 2022 थी। साथ ही आवेदकों से 500 रुपए के लगभग फीस भी ली गई थी।

इस साल दिसंबर में आए थे परिणाम

इन वैकेंसी के परिणाम दिसंबर 2023 में आ गए थे। अपेक्स बैंक ने अपनी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह भी स्पष्ट किया था कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अपने स्तर पररिक्त पदों पर भर्ती के आदेश जारी करके इन सिलेक्ट हुए उम्मीदवारों की पदस्थापना करेंगे, लेकिन 7 दिसंबर को ग्वालियर के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने मध्य प्रदेश की माली हालत की बदरंग तस्वीर को उजागर कर दिया।

क्या लिखा ग्वालियर के केंद्रीय सहकारी बैंक में

ग्वालियर के जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध संचालक को एक चिट्ठी लिखकर स्पष्ट किया कि उनके बैंक की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे कर्मचारियों को वेतन दे सकें। इसलिए आईबीपीएस सिस्टम से नियुक्त हुए सोसाइटी मैनेजर्स को उनके बैंक में ना भेजा जाए। बल्कि दूसरे बैंकों में भेज दिया जाए। बैंक ने अपनी चिट्ठी में यह भी बताया कि उनकी माली हालत बेहद खराब है। इस समय बैंक करीब 222 करोड़ रुपए के घाटे में चल रहा है और इसके अलावा करीब 40 करोड़ का NPA भी बैंक के ऊपर है। ऐसे में बैंक नए कर्मचारियों का भर नहीं उठा सकता।

देखें क्या लिखा है चिट्ठी में

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