BHOPAL. प्रवर्तन निदेशालय ने पीपुल्स ग्रुप के कर्ता धर्ताओं पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग समेत वित्तीय गड़बड़ियों के लिए ग्रुप के एसएन विजयवर्गीय समेत अन्य को दोषी बताया गया है। इस मामले में 2 नवंबर को ही ग्रुप की 230.4 करोड़ कीमत की प्रॉपर्टी को जब्त किया गया है। पीएमएलए कोर्ट में मामला विचाराधीन है।
3 शिकायतों के आधार पर हुई थी जांच
ईडी ने रजिस्ट्रार ऑफिस ग्वालियर की 3 शिकायतों के आधार पर पीपुल्स ग्रुप के खिलाफ जांच शुरु की थी। जिसके बाद एजेंसी ने ग्रुप की करोड़ों की संपत्ति अटैच की थी। जिसमें कॉलेज, स्कूल, ट्रेनिंग सेंटर, पेपर मिल, न्यूज प्रिंट मशीनरी शामिल थी। एजेंसी को पूरी गड़बड़ी में ग्रुप के एसएन विजयवर्गीय समेत अन्य द्वारा गड़बड़ी किए जाने के साक्ष्य मिले हैं।
एफडीआई का पैसा निजी कंपनियों में लगाया
ईडी की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि एसएन विजयवर्गीय ने फॉरेन डायरेक्ट इंन्वेस्टमेंट के तहत मिले 494 करोड़ रुपयों का उपयोग खुद की नियंत्रण वाली कंपनियों में किया। ग्रुप की 3 कंपनियों पीपुल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेज प्रा लि, पीजीएच इंटरनेशनल प्रा लि और पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल प्रा लि को साल 2000 से 2011 के बीच एफडीआई के रूप में यह रकम मिली थी।
इस तरह हुई वित्तीय अनियमितता
जांच में पता चला है कि वर्ष 2000 से 2022 के बीच फर्जीवाड़ा कर इस राशि को एसएन विजयवर्गीय और उनके नियंत्रण वाली संस्थाओं को अग्रिम भुगतान, सुरक्षा निधि समेत अन्य मदों में न्यूनतम और शून्य ब्याज दर पर दिया गया। ये राशि बढ़कर 594.65 करोड़ रुपए हो गई। इस राशि का उपयोग सार्वजनिक पारमार्थिक जन कल्याण न्यास और पीजी इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड सर्विसेज प्रा.लि. में भी किया गया। विजयवर्गीय एसजेएनपीए में ट्रस्टी हैं।