मेट्रो के काम पर दिखा आचार संहिता का असर, मई-जून तक ट्रायल रन मुश्किल, अंडरग्राउंड मेट्रो का काम लटका

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The Sootr
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मेट्रो के काम पर दिखा आचार संहिता का असर, मई-जून तक ट्रायल रन मुश्किल, अंडरग्राउंड मेट्रो का काम लटका

INDORE. आचार संहिता लगने से पहले इंदौर में मेट्रो का काम काफी तेजी से चल रहा था। लेकिन विधानसभा चुनाव के कारण प्रदेश में आचार संहिता लागू किया गया। ऐसे मे इसका असर मेट्रो के चल रहे कामों पर भी पड़ा। अब न स्टेशनों पर काम हो रहा है और न अंडरग्राउंड हिस्से में काम की हलचल शुरु हुई है। अगले साल गांधी नगर डिपो से रेडिसन चौराहा तक 17 किमी लंबी ट्रायल रन होना है, लेकिन अगर काम इसी तरह चलता रहा तो अगले साल तक ट्रायल रन हो पाना मुश्किल हो जाएगा।

रेलवे क्रासिंग में लगेगा समय

6 किमी लंबी प्रायरिटी कॉरिडोर के ट्रायल रन के बाद मेट्रो कॉर्पोरेशन के अफसरों का कहना था कि उनका फोकस सबसे पहले गांधी नगर से रेडिसन होटल तक 17 किमी के हिस्से का निर्मीण पूरा करने पर है, लेकिन अब विजयनगर चौराहे पर भी स्टेशन बनाने का पूरा काम अधूरा पड़ा है। बताया जा रहा है कि यहां क्रेन लगा दी गई है, लेकिन दोनों सिरों को जोड़ने का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है। सुपर कॉरिडोर के 8 लेन ब्रिज और एमआर-10 ब्रिज रेलवे क्रासिंग पर मेट्रो के ट्रेक आपस में नहीं जुड़ पाए है, क्योकि इस हिस्से में काम के लिए रेल विभाग की अनुमति भी लगती है।

अंडरग्राउंड मेट्रो का काम भी अटका

गौरतलब है कि नाथ मंदिर रोड से बड़ा गणपति तक अंडरग्राउंड मेट्रो का लाइन बिछाया जाना है और इसके लिए सबसे पहले टेंडर जारी होने थे, लेकिन आचार संहिता के लगने से सब मामला अटक गया। बता दें कि अंडरग्राउंड रुट का सर्वे पूरा हो चुका है। हाईकोर्ट परिसर में इसके लिए बड़ा और गहरा गढ्डा खोदा जाएगा। अभी खुदाई कर मिट्टी का परीक्षण किया जा रहा है। वहीं इंदौर में 31 किलोमीटर लंबे रुट का निर्माण हो रहा है। आने वाले समय में पीथमपुर और उज्जैन तक मेट्रो का संचालन संभव होगा।

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