चुनाव के खर्च पर भी महंगाई की मार, कार्यकर्ताओं के चाय-नाश्ते पर भी रहेगी चुनाव आयोग की नजर, हर खर्च जुड़ेगा हिसाब में

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Chandresh Sharma
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चुनाव के खर्च पर भी महंगाई की मार, कार्यकर्ताओं के चाय-नाश्ते पर भी रहेगी चुनाव आयोग की नजर, हर खर्च जुड़ेगा हिसाब में

JAIPUR. हर चुनाव के पहले चुनाव आयोग, चुनाव प्रचार के दौरान होने वाले खर्च के हिसाब के लिए चुनाव प्रचार के दौरान लगने वाली सामग्री की रेट लिस्ट निर्धारित कर देता है। इस बार के विधानसभा चुनाव में लगने वाली सामग्री के किराए और कार्यकर्ताओं के रिफ्रेशमेंट तक में महंगाई का असर देखने को मिल रहा है। चुनाव आयोग ने महज चाय और कॉफी के दाम पिछले चुनावों की तरह बरकरार रखे हैं लेकिन कार्यकर्ताओं को खिलाए जाने वाले समोसे-कचौरी और जलेबी के निर्धारित दामों में बढ़ोतरी कर दी है। यह बढ़ोतरी 15 से 25 फीसदी तक की गई है।

हर चीज के दाम तय

चुनाव आयोग ने कार्यकर्ताओं के नाश्ते और भोजन ही नहीं बल्कि उन्हें चुनाव प्रचार और रैलियों के दौरान पहनाए जाने वाले साफे, बैठने वाली कुर्सी और टेबल, बैनर और फ्लैक्स समेत सभा के लिए लगाए जाने वाले पंडाल और प्रचार में प्रयुक्त वाहनों का किराया भी निर्धारित कर दिया है। हर प्रत्याशी के साथ मौजूद कार्यकर्ताओं के हिसाब से यह खर्च प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जाएगा।

समोसे-कचौड़ी और जलेबी के दामों में इतना इजाफा

चुनाव आयोग ने जो लिस्ट बनाई है उसके अनुसार चाय और कॉफी के दाम 5 रुपए और 10 रुपए प्रति नग रखे गए हैं जबकि समोसा-कचौड़ी 12 रुपए प्रति नग, सादा लंच 50 रुपए प्रति व्यक्ति, डिनर 60 रुपए प्रति व्यक्ति, पानी का कैंपर 20 रुपए, मिनरल वॉटर 12 रुपए प्रति बॉटल के साथ-साथ नमकीन 150 रुपए किलो और लड्डू के दाम 140 रुपए किलो निर्धारित किए हैं।

वाहनों का किराया इस प्रकार से

चुनाव प्रचार के दौरान लग्जरी कार नॉन एसी 2100 रुपए प्रतिदिन, छोटी कार एसी 2800 और एसयूवी गाड़ियों का किराया 3100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जोड़ा जाएगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाली कमांडर जीप के लिए 2200 रुपए प्रतिदिन किराया निर्धारित किया गया है। चुनाव प्रचार में प्रयुक्त बैटरी रिक्शा, बैनर फ्लैक्स और लाउड स्पीकर्स का किराया भी 15 फीसदी बढ़ाया गया है। बूथ के बाहर लगाई जाने वाली कुर्सी और टेबल के किराए में भी इजाफा किया गया है।

कुल 135 वस्तुओं के दाम निर्धारित

चुनाव आयोग ने तमाम राजनैतिक पार्टियों के साथ बैठकर पुरानी दरों को अपडेट करने के बाद कुल 135 आइटम के किराए का निर्धारण किया है। जाहिर है नामांकन फार्म जमा करने के साथ ही हर प्रत्याशी के खाते में यह खर्च जुड़ना शुरु हो जाएगा। तो अब चुनाव आयोग की टीमें इस बात पर भी नजर रखेंगी कि प्रचार के दौरान नेताजी अपने समर्थकों को क्या खिला और क्या पिला रहे हैं।

शराब का क्या होगा?

चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित लिस्ट की सबसे हास्यास्पद बात यह है कि चुनावों में जमकर शराब का प्रयोग होता है। जो कि अवैध भी है, ऐसे में चुनाव के दौरान उपयोग में आने वाली सामग्री में शराब के खर्च का ब्यौरा नहीं रखे जाने पर राजनैतिक दलों के कार्यकर्ता आपस में हास्य विनोद करते नजर आते हैं। कार्यकर्ता मजाक में यह भी कहते नजर आते हैं कि चुनाव आयोग शराब के रेट निर्धारित करना क्यों छोड़ देता है।

Rajasthan News राजस्थान न्यूज़ Election Commission's ratelist dam fixed for 135 ingredients increase in the price of samosa-kachori चुनाव आयोग की रेटलिस्ट 135 सामग्री के डैम निर्धारित समोसे-कचौरी के दाम में इजाफा