व्यंकटेश कोरी, JABALPUR. विधानसभा चुनाव का शोर थमने में महज चंद घंटे ही बाकी रह गए हैं ऐसे में सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत लगाकर मतदाताओं के बीच पहुंच रहे हैं और अपने लिए जन समर्थन मांग रहे हैं, इस बीच जबलपुर का चुनावी माहौल पूरी तरह से मजहबी रूप लेता जा रहा है। जबलपुर के पूर्व विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां मतदाताओं को साधने के लिए बड़े मुस्लिम चेहरों का सहारा लिया जा रहा है। बात चाहे कांग्रेस की करें या फिर एआईएमआईएम की। एक के बाद एक कई दिग्गज नेताओं की सभाओं से लेकर रोड शो कराए जा रहे हैं। दरअसल पूर्व विधानसभा क्षेत्र में 80 से 90 हज़ार मुस्लिम मतदाता हैं जो चुनाव में जीत हार में निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं, ऐसे में राजनीतिक दल मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते नजर आ रहे हैं।
वारिस पठान से लेकर इमरान प्रतापगढ़ी
पूर्व विधानसभा क्षेत्र के किले को फतह करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अंचल सोनकर को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने एक बार फिर मौजूदा विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया पर दांव चला है। इस चुनाव को दिलचस्प रूप देने के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के गजेंद्र सोनकर 'गज्जू' भी चुनाव मैदान में हाथ आजमा रहे हैं। पूर्व विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले मतदाताओं को अपने पक्ष पाले में करने के लिए कांग्रेस ने अपनी पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी का न केवल रोड शो कराया बल्कि विशाल जनसभा भी आयोजित की, इसी तरह एआईएमआईएम के प्रत्याशी ने तो पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान की अलग अलग जगहों पर कई सभाएं कराकर मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने की भरपुर कोशिश की।
किसके होंगे मुस्लिम मतदाता
246756 मतदाताओं वाले पूर्व विधानसभा क्षेत्र की किस्मत तय करने में मुस्लिम मतदाताओं की अहम भूमिका होती रही है लेकिन इस बार ये वोटर किस पार्टी के पाले में जाएंगे यह कहना अभी मुश्किल है, यही वजह है कि पूर्व विधानसभा क्षेत्र के 80 से 90 हजार मुस्लिम मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए सभी पार्टियां ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव शुरू से ही कांग्रेस की और रहा है लेकिन अब हालात बदल रहे हैं और हाल के चुनाव में मुस्लिम मतदाता तमाम पहलुओं पर गौर कर ही मतदान कर रहे हैं।