SAGAR. मध्यप्रदेश के सागर में एक फर्जी कॉलेज से लोगों को चंद हजार रुपए में नकली मार्कशीट और डिग्रियां मिल रही थीं। एक शिकायत के बाद की गई सिलसिलेवार जांच के बाद गिरोह में शामिल कॉलेज संचालक और उसके 4 साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि कॉलेज संचालक ने कॉलेज की मान्यता की 25 हजार की फीस बचाने के चक्कर में 6 साल पहले इस गोरखधंधे की शुरुआत की थी और इस अवधि में उसने 500 से ज्यादा नकली मार्कशीट और डिग्रियां बनाकर बेची।
गिरोह में बंटा हुआ था सबका काम
पुलिस जांच में सामने आया कि 5 सदस्यीय इस गिरोह में हर सदस्य का काम अलग-अलग बंटा हुआ था। कॉलेज के प्रचार प्रसार, एडमिशन से लेकर हूबहू असली अंकसूची और मार्कशीट बनाने में ये लोग एक्सपर्ट थे। पुलिस ने इनके कब्जे से अभी तक 5 नकली मार्कशीट जब्त की हैं।
शिकायत के बाद हुआ पर्दाफाश
दरअसल 5 सितंबर को सागर के मकरोनिया निवासी सौरभ सेन ने थाने में यह शिकायत दी कि रजाखेड़ी इलाके में अमित ठाकुर ने अपने मकान में विजय मेमोरियल डिस्टेंस एजुकेशन नामक कॉलेज खोल रखा है। इसे किसी भी विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त नहीं है। बावजूद इसके वह 15 से 20 हजार रुपए लेकर नकली मार्कशीट और डिग्रियां बनाकर देता है। शिकायत की जांच शुरु होने पर पुलिस ने शिकायत सही पाई। जिसके बाद अमित ठाकुर और उसके 4 साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में अमित ने कंप्यूटर की मदद से फर्जी मार्कशीट बनाने की बात कबूल की है। उसके साथियों में अजीत ठाकुर, राजेश यादव, सौरभ अहिरवार और अनिकेट जाटव गिरफ्तार किए गए हैं।
पहली बार में नहीं हुई शिकायत तो बढ़ गया हौसला
पूछताछ में अमित ने बताया कि उसने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से मान्यता ली थी। जो साल 2017 में खत्म हो गई। इस बीच संस्था का कोई भी अधिकारी वैरिफिकेशन के लिए कॉलेज नहीं आया, जिसका फायदा उठाते हुए अमित ने फर्जी मार्कशीट बांटना शुरु कर दिया। शुरुआत में कुछ मार्कशीट बनाकर दी, शिकायत नहीं आने पर उसके हौसले बुलंद हो गए। जिसके बाद वह 10वीं-12वीं के अलावा बीए, बीएससी और बीकॉम जैसे कई कोर्स की फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां धड़ल्ले से बांटने लगा।