RAJNANDGAON. एक ओर जहां विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही बीजेपी कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दल लोगों को साधने में लगे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर इस मौके पर अपनी बात मनवाने के लिए किसान भी मोर्चा खोले हुए हैं। राजनांदगांव कलेक्टर कार्यालय के सामने किसानों ने अपने प्रांतीय महापंचायत का आयोजन किया है, जिसमें किसानों ने अपनी मांगों का घोषणा पत्र जारी किया।
प्रांतीय किसान महापंचायत ने कलेक्ट्रेट के सामने किया प्रदर्शन
विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को साधने के लिए अपना चुनावी घोषणा पत्र जल्द जारी कर दिया जाएगा, ऐसे में किसान भी अपनी मांगों को पूरी करने के लिए अपना घोषणा पत्र जारी किए हुए हैं। जिसमें वन क्षेत्र के किसान, मजदूर और अन्य किसानों के अधिकारों की बात कही गई हैं। राजनांदगांव कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने किसानों ने एक प्रांतीय किसान महापंचायत का आयोजन करते हुए अपनी आवाज बुलंद की है।
रमन कार्यकाल का 2 साल का बकाया बोनस नहीं दिया
राजनांदगांव जिला किसान संघ के संयोजक सुदेश टीकम ने कहा है कि इस महापंचायत के माध्यम से हम किसान मजदूर की मांग अपने घोषणा पत्र के माध्यम से रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व की रमन सरकार का बकाया 2 वर्ष का बोनस देने का वादा कांग्रेस ने किया था, लेकिन कांग्रेस ने भी पूर्व रमन कार्यकाल का 2 साल का बकाया बोनस नहीं दिया है। किसान नेता सुदेश टीकम ने कहा कि जो पार्टी हमारे घोषणा पत्र की अनदेखी करेगी, हम उसकी अनदेखी करेंगे।
इन मांगों का घोषणापत्र जारी किया गया
किसानों ने प्रांतीय किसान महापंचायत के जरिए अपने घोषणा पत्र के बिंदुओं पर कहा है कि इस महापंचायत में मांग की जा रही कि प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी की जाए। वहीं 4 हजार रुपए क्विंटल से अधिक दर पर धान खरीदी की जाए। किसानों का कर्ज माफी हो, व्यक्तिगत फसल बीमा हो, आवारा पशुओं से फसलों की सुरक्षा के लिए फसल रक्षकों की तैनाती की जाए। इसके अलावा तेंदूपत्ता की कीमत 8000 से अधिक करने, वन उपज का समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने और 250 दोनों का रोजगार गारंटी योजना लागू कर कलेक्टर दर पर भुगतान करने की मांग की है। विभिन्न राजनीतिक दलों से पूर्व किसानों ने अपने इस घोषणा पत्र के माध्यम से राजनीतिक दलों को संकेत दिया है।