JAIPUR. राजस्थान हाई कोर्ट में आरपीएससी सदस्य कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति का मामला चल रहा है। आरपीएससी के किसी सदस्य की नियुक्ति पर पहली मर्तबा हाईकोर्ट ने सवाल खड़ा करते हुए नोटिस जारी किए हैं। दो दिन पहले मामले में मुख्य सचिव, प्रमुख कार्मिक सचिव और आरपीएससी सचिव समेत लेफ्टिनेंट कर्नल केसरी सिंह को नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस में पूछा गया है कि क्यों न कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति को रद्द कर दिया जाए।
नियुक्ति के साथ ही शुरु हो गया विवाद
बता दें कि कर्नल केसरी सिंह को आरपीएससी का सदस्य नियुक्त किए जाने के साथ ही विवाद शुरु हो गया था। प्रशासनिक हल्कों में भी चर्चा है कि यह पहली मर्तबा है जब किसी सदस्य की नियुक्ति का मसला हाईकोर्ट तक पहुंचा हो। सीएम अशोक गहलोत द्वारा गलती मानने के कुछ दिनों बाद हाईकोर्ट की कर्नल केसरी सिंह को लेकर इस तरह की टिप्पणी से आयोग को फिर शर्मसार होना पड़ा है।
लगातार उठ रहे आरपीएससी पर सवाल
आरपीएससी की बदनामी का सिलसिला काफी वक्त चल रहा है। बाबूलाल कटारा के पेपर लीक करने के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी। आयोग के इतिहास में यह भी पहली बार हुआ था।
इसके बाद आरपीएससी के एक पूर्व सदस्य की दोनों संतानों का पीएससी की परीक्षा में चयन हो जाने के बाद भी आयोग की काफी किरकिरी हुई। पारदर्शिता पर सवालिया निशान लगने लगे। पूर्व सदस्य रामू राम राइका ने जोधपुर में समाज की सभा में जो बयान दिया उससे भी कंपटीशन की तैयारी कर रहे युवा हताश हुए।
इंटरव्यू में पैसे लिए जाने का भी लगा आरोप
साल 2018 में आरएएस के इंटरव्यू में पैसे की डिमांड करने का मामला भी उठा, जिसने आयोग की छवि को धूमिल करके रख दिया। इस मामले में तत्कालीन सदस्य राजकुमारी गुर्जर के पति का नाम उछला था। परीक्षा में चयन से वंचित अभ्यर्थी आज भी यही मानते हैं कि फेयर सिलेक्शन नहीं हुआ था।