JAIPUR. राजस्थान सरकार ने समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण और उत्थान के लिए 8 विभिन्न बोर्ड के गठन को स्वीकृति दी है। इन नवगठित बोर्ड में राजस्थान राज्य राजा बली कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य वाल्मिकी कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य मेघवाल कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य पुजारी कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य केवट कल्याण (मां पूरी बाई कीर) बोर्ड, राजस्थान राज्य जाटव कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य धाणका कल्याण बोर्ड और राजस्थान राज्य चित्रगुप्त कायस्थ कल्याण बोर्ड शामिल हैं। दावा किया जा रहा है कि ये बोर्ड संबंधित वर्गों की स्थिति का जायजा लेने, प्रमाणिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर वर्गों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने और इनके पिछड़ेपन को दूर करने के सुझाव राज्य सरकार को देंगे। वैसे तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने और भी कई जातीय, सामाजिक और धार्मिक बोर्ड व आयोगों का गठन किया है, मगर प्रदेश में जातिगत जनगणना करवाने का घोषणा के कुछ घंटों बाद ही इन 8 बोर्डों के गठन की घोषणा की गई है। बड़ा सवाल यह भी है कि आचार संहिता लगने में अब कुछ ही दिन शेष हैं, ऐसे में ये बोर्ड सिर्फ घोषणा से ज्यादा क्या हैसियत रखेंगे?
अध्यक्ष सहित होंगे 5 गैर सरकारी सदस्य
इस सभी बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और तीन सदस्य सहित 5-5 गैर-सरकारी सदस्य होंगे। राज्य के विभिन्न विभागों के शासन सचिव, आयुक्त, निदेशक, संयुक्त निदेशक एवं उप निदेशक स्तर के अधिकारी सरकारी सदस्य होंगे। इसके अलावा राजस्थान राज्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड या राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक स्तर के अधिकारी अथवा उनका प्रतिनिधि विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।
सबसे ज्यादा बोर्ड जाति के आधार पर
राजस्थान सरकार के कुल 17 बोर्ड विभिन्न जातियों के नाम पर बनाए गए हैं, जबकि एक बोर्ड स्थापत्य कला के क्षेत्र में विकास के लिए बनाया गया है।
- तेजाजी कल्याण बोर्ड (जाट)
- महाराणा प्रताप बोर्ड (राजपूत)
- कृष्ण बोर्ड (यादव)
- देवनारायण बोर्ड (गुर्जर)
- ज्योतिबा फुले बोर्ड (माली)
- रजक बोर्ड (धोबी)
- केश कला बोर्ड (नाई)
- माटी कला बोर्ड (कुम्हार)
- अवंति बाई लोधी बोर्ड (लोधी)
- घुमन्तु अर्ध घुमंतू बोर्ड (बंजारा)
- वाल्मिकी कल्याण बोर्ड (वाल्मिकी)
- मेघवाल कल्याण बोर्ड (मेघवाल )
- पुजारी कल्याण बोर्ड (ब्राह्मण)
- केवट कल्याण (मां पूरी बाई कीर) बोर्ड (केवट )
- जाटव कल्याण बोर्ड (जाटव )
- धाणका कल्याण बोर्ड (धानक)
- चित्रगुप्त कायस्थ कल्याण बोर्ड (कायस्थ )
मिलती हैं कई सुविधाएं
- वेतन और भत्ते: कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त बोर्ड अध्यक्षों को 1.20 लाख रुपए प्रति माह वेतन और भत्ते मिलते हैं। राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त बोर्ड अध्यक्षों को 1.17 लाख रुपए प्रति माह वेतन और भत्ते मिलते हैं। और मंत्री का दर्जा प्राप्त नहीं करने वाले बोर्ड अध्यक्षों को 75,000 रुपएप्रति माह वेतन और भत्ते मिलते हैं।
- कार: कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त बोर्ड अध्यक्षों को एक आधिकारिक कार आवंटित की जाती है। राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त बोर्ड अध्यक्षों को एक आधिकारिक कार आवंटित की जा सकती है।
- आवास: कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त बोर्ड अध्यक्षों को एक आधिकारिक आवास आवंटित किया जाता है। राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त बोर्ड अध्यक्षों को एक आधिकारिक आवास आवंटित किया जा सकता है। और मंत्री का दर्जा प्राप्त नहीं करने वाले बोर्ड अध्यक्षों को कोई आधिकारिक आवास नहीं आवंटित किया जाता है।
- सुरक्षा: कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त बोर्ड अध्यक्षों को एक सुरक्षाकर्मी आवंटित किया जाता है। राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त बोर्ड अध्यक्षों को एक सुरक्षाकर्मी आवंटित किया जा सकता है। और मंत्री का दर्जा प्राप्त नहीं करने वाले बोर्ड अध्यक्षों को कोई सुरक्षाकर्मी नहीं आवंटित किया जाता है।
- यात्रा भत्ता: सभी बोर्ड अध्यक्षों और सदस्यों को यात्रा भत्ता मिलता है।
- कार्यालय: सभी बोर्ड अध्यक्षों और सदस्यों को एक कार्यालय आवंटित किया जाता है।
इन सुविधाओं के अलावा, बोर्ड अध्यक्षों और सदस्यों को बोर्ड की बैठकों और अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए भुगतान किया जाता है।