मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान के विधानसभा चुनाव में जहां एक तरफ बीजेपी में चुनाव का चेहरा बनने की होड़ नजर आ रही है वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रिटायर होने की इच्छा जाहिर कर दी है। हालांकि, जिस संदर्भ में उन्होंने रिटायर होने की बात कही वह उनके पुत्र के लोकसभा क्षेत्र बारां-झालावाड़ से संबंधित ही ज्यादा लगा, लेकिन फिर भी चुनाव के इस मौके पर उनके बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल तो मचा ही दी।
दरअसल, शुक्रवार को झालावाड़ में नामांकन सभा को संबोधित करते हुए वसुंधरा राजे ने कहा कि- मुझे लग रहा है अब मैं रिटायर हो सकती हूं। मेरे पुत्र सांसद साहब को सुनकर मुझे लगा कि आप लोगों ने उन्हें अच्छी तरह से सिखाकर, कुछ प्यार से कुछ आंख दिखाकर उसे ऐसे रास्ते पर लगा दिया है कि अब मेरे को पीछे पड़ने की जरूरत ही नहीं है, वो आप लोगों ने ही कर दिया है।
टीम के काम से विश्वास हो गया कि अब झालावाड़ पर निगाह की जरूरत नहीं
वसुंधरा राजे ने कहा कि यह झालावाड़ है और जो काम इस टीम ने किया है, मिलकर जिस काम के लिए प्रोत्साहन दिया है। मुझे विश्वास है कि मुझे उन पर निगाह रखने की कोई जरूरत नहीं है। वो सब ऐसे लोग हैं, चाहे जिलाध्यक्ष हों, चाहें दूसरे कार्यकर्ता। ये सब ऐसी पॉजिशन में आ गए हैं कि पीछे पड़ने की जरूरत नहीं है, वे आप लोगों के काम वैसे ही करेंगे।
...आज झालावाड़ देन की पहचान बन गया
वसुंधरा राजे ने कहा- पहली बार 1989 में यहां आई थी, तब मुझे ऐसा लगा था कि किसी गांव या कस्बे में आई हूं। कई रास्ते ऐसे थे, जहां सफर करना मुश्किल था, लेकिन आज उसी झालावाड़ से बड़े-बड़े हवाई जहाज उड़ान भर सकते हैं। ट्रेनें दौड़ रही हैं। कोई बीमार होता था, तो उसे इलाज के लिए कोटा या जयपुर लेकर दौड़ना पड़ता था। आज उसी झालावाड़ में मेडिकल कॉलेज है। कैंसर अस्पताल है। जो झालावाड़ राजस्थान में अपनी पहचान के लिए संघर्ष कर रहा था, आज वही झालावाड़ देश की पहचान बन गया है।
आप नहीं झालावाड़ चुनाव लड़ रहा है
वसुंधरा राजे ने कहा कि आपने इन्हें ट्रेनिंग दे दी है। इस झालावाड़ को हम हमेशा याद रखेंगे। वसुंधरा राजे ने कहा झालावाड़ में मेरा 10वां नामांकन है। पहला नामांकन नवंबर 1989 में सांसद के लिए भरा। लगातार 5 बार सांसद और 4 बार विधायक चुनी गई। आपने दुष्यंत सिंह को लगातार 4 बार सांसद बनाया। झालवाड़ के आशीर्वाद से 1998 में केंद्र में विदेश मंत्री बनी। उसके बाद केंद्र में महत्वपूर्ण विभागों की मंत्री बनी। अभूतपूर्व बहुमत के साथ 2003 और 2013 में प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। जब-जब भी मैंने नामांकन भरा। झालावाड़ वासियों ने मुझसे एक ही बात कही, आपका काम नामांकन भरने का है। बाकी काम हमारा है। अब यहां से आप नहीं, हम चुनाव लड़ रहे हैं। झालावाड़ चुनाव लड़ रहा है।
क्या सिर्फ हंसी मजाक में बोली हैं राजे
वैसे देखने में तो लग रहा है कि वसुंधरा राजे ने हंसी मजाक में यह बात कही है, लेकिन राजस्थान बीजेपी की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए इसे भविष्य के लिए संकेत भी माना जा रहा है। इस बयान के जरिए वसुंधरा राजे ने कम से कम यह संकेत तो दे दिए हैं कि उनके सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह इस क्षेत्र में उनकी राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए तैयार हो गए हैं।