कांग्रेस समेत चार पार्टियों ने स्पीकर को लिखी चिट्ठी, अधीर को निकाला था बिधूड़ी को क्यों नहीं? दानिश के समर्थन में उतरा विपक्ष

author-image
Chakresh
एडिट
New Update
कांग्रेस समेत चार पार्टियों ने स्पीकर को लिखी चिट्ठी, अधीर को निकाला था बिधूड़ी को क्यों नहीं? दानिश के समर्थन में उतरा विपक्ष

New Delhi. नए संसद भवन में बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा बीएसपी सांसद दानिश पर की गई अभद्र टिप्पणी को लेकर सियासत तेज हो गई है। विपक्ष की चार बड़ी पार्टियां कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी और जीएमसी दानिश के समर्थन में उतर गई हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की गई है। पार्टियों ने पत्र में मांग की है कि बीजेपी सांसद बिधूड़ी के आचरण और टिप्पणियों का मामला संसद की विशेषाधिकार समिति को भेजा जाए और उनपर तत्काल कार्रवाई की जाए। विपक्षी दलों ने चिठ्ठी में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का उदाहरण भी दिया है, जिन्हें मानसून सत्र में एक अपमानजनक टिप्पणी के लिए निलंबित कर दिया गया था, लेकिन भाजपा सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। मामले में बयानबाजी भी तेज हो गई है।

दानिश अली से को राहुल गांधी ने लगाया गले

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 22 सितंबर की शाम दानिश अली से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान राहुल ने दानिश अली को गले लगाया। उन्होंने इसकी फोटो सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर शेयर की। कैप्शन में लिखा- 'नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान'।

F6oqUaLXkAA2zah.jpeg


बिधूड़ी के खिलाफ हो कार्रवाई- अधीर रंजन

कांग्रेस से अधीर रंजन चौधरी, डीएमके से कनिमोझी, एनसीपी से सुप्रिया सुले और टीएमसी से अपरूपा पोद्दार ने कहा कि लोकसभा में बीएसपी सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ असंसदीय टिप्पणी के लिए बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखने वालों में अधीर रंजन भी शामिल हैं। उन्होंने लिखा, दानिश एक अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। उनके खिलाफ असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया गया। इससे भी अधिक खेदजनक और क्या होगा कि ये घटना तब हुई जब संसदीय इतिहास के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा था।

विपक्षी गठबंधन को मिला एक नया मुद्दा

जिन चार दलों ने स्पीकर को चिठ्ठी लिखी है, वे सभी विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. का भी हिस्सा हैं। यह मुद्दा विशेष रूप से सीट-बंटवारे विवादों, सीपीएम द्वारा समन्वय समिति में एक सदस्य को नामित करने से इनकार करने और जाति जनगणना जैसे मुद्दों पर मतभेदों को लेकर चल रही अटकलों के बीच सभी को फिर से एक साथ लाने में मदद कर सकता है।

भाजपा ने बिधूड़ी को नोटिस दिया

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बिधूड़ी को चेतावनी दी है कि सदन में ऐसा व्यवहार दोबारा होने पर कड़ी कार्रवाई होगी।​ भाजपा ने भी रमेश बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आपत्तिजनक टिप्पणी के तुरंत बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सदन में खेद जताया था। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल बिधूड़ी के सदन से निलंबन की मांग कर रही है।

दानिश बोले- न्याय नहीं तो सदन छोड़ दूंगा

इधर, दानिश अली ने कहा है कि मैंने लोकसभा स्पीकर को चिट्‌ठी लिखकर मामले को प्रिविलेज कमेटी में भेजने की मांग की है। जब मेरे जैसे निर्वाचित सदस्य का ऐसा हाल है तो सामान्य व्यक्ति का क्या होगा। मुझे उम्मीद है कि न्याय मिलेगा, लोकसभा अध्यक्ष इसकी जांच कराएंगे, वरना मैं भी इस संसद को छोड़ने के बारे में सोच रहा हूं क्योंकि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

बिधूड़ी बोल रहे थे... पीछे बैठे रविशंकर प्रसाद और हर्षवर्धन हंसते दिखे

बिधूड़ी के बोलते समय उनके पीछे बैठे पूर्व मंत्री रविशंकर प्रसाद और हर्षवर्धन हंसते हुए नजर आए। जब लोगों ने इस बारे में सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ लिखना शुरू किया तो उन्होंने सफाई में कहा कि वे दुखी और अपमानित महसूस कर रहे हैं। कुछ लोगों ने उनका नाम घसीटा है। उन्होंने यह भी लिखा कि सदन में जो अराजकता हुई थी, उसे हम स्पष्ट रूप से नहीं सुन सके कि कौन क्या कह रहा था।

बिधूड़ी को लेकर क्या बोला विपक्षी दल...

1- नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला : अगर उन्होंने (बिधूड़ी) केवल आतंकवादी कहा होता तो हमें इसकी आदत है। उन शब्दों को पूरे मुस्लिम समुदाय के लिए कहा गया। भाजपा से जुड़े मुस्लिम इसे कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं? इससे पता चलता है कि वे हमारे बारे में क्या सोचते हैं? उन्हें शर्म आनी चाहिए।

2 - एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी : मुझे भरोसा है बिधूड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। संभावना है उन्हें बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बना दिया जाए। आज भारत में मुसलमानों के साथ वैसा ही सुलूक हो रहा है, जैसा हिटलर के जर्मनी में यहूदियों के साथ किया जाता था।

3 - आप सांसद संजय सिंह : बीजेपी गुंडागर्दी कर रही है। बिधूड़ी की भाषा एक गुंडे, माफिया की भाषा है। दानिश अली का अपमान सभी विपक्षी सांसदों का अपमान है। मणिपुर का मुद्दा उठाने पर मुझे निलंबित किया था, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।

4- बसपा प्रमुख मायावती : दानिश अली के खिलाफ सदन में आपत्तिजनक टिप्पणी को स्पीकर ने रिकार्ड से हटाकर उन्हें चेतावनी भी दी है। वरिष्ठ मंत्री ने सदन में माफी मांगी है, लेकिन पार्टी ने उन पर कार्रवाई नहीं की, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

5- कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश : उन्होंने (बिधूड़ी) जो कहा है वह निंदनीय है। रक्षामंत्री की माफी नाकाफी, है। सदन के अंदर या बाहर ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। यह रमेश बिधूड़ी नहीं, बल्कि बीजेपी की सोच है। हमारी मांग है कि रमेश की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए।

6- टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा : मुसलमानों, ओबीसी को गाली देना बीजेपी की संस्कृति रही है। कइयों को अब इसमें कुछ भी गलत नहीं दिखता। प्रधनमंत्री मोदी ने भारतीय मुसलमानों को अपनी ही धरती पर डरकर जीने पर मजबूर कर दिया है।

दानिश अली ने लिखा था बिड़ला को पत्र

दानिश अली ने भी इस संबंध में बिड़ला को पत्र लिखकर इसे हृदयविदारक बताया है। अली ने कहा, यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और तथ्य यह है कि अध्यक्ष के रूप में आपके नेतृत्व में एक नए संसद भवन में ऐसा हुआ है, इस महान राष्ट्र के एक अल्पसंख्यक सदस्य और संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में मेरे लिए भी यह वास्तव में हृदय विदारक है। उन्होंने अपने पत्र में कहा, इसलिए, मैं लोकसभा में प्रक्रियाओं और कामकाज के संचालन के नियम 222, 226 और 227 के तहत यह नोटिस देना चाहता हूं और सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ अध्यक्ष को निर्देश देना चाहता हूं।

बिधूड़ी के व्यवहार पर क्या हो सकती है कार्रवाई?

1 संविधान के आर्टिकल 105 (2) के तहत भारत में संसद में कही गई किसी भी बात के लिए कोई सांसद किसी कोर्ट के प्रति उत्तरदायी नहीं होता यानी सदन में कही गई किसी भी बात को कोर्ट में चैलेंज नहीं किया जा सकता, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सांसदों को संसद में कुछ भी बोलने की छूट मिली हुई है।

2 एक सांसद जो कुछ भी कहता है वो लोकसभा में प्रोसिजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस के रूल 380 के तहत स्पीकर के कंट्रोल में होता है यानी संसद में कोई सांसद असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करता है तो स्पीकर को ही एक्शन लेने का अधिकार है।

3 संसद में भ्रष्ट, असत्य और अपमान जैसे शब्द नहीं बोल सकते सांसद 2022 में संसद के मानसून सत्र के शुरू होने से पहले असंसदीय शब्दों की लिस्ट जारी हुई थी, जिसके मुताबिक जुमलाजीवी, तानाशाह, विनाश पुरुष जैसे राजनीतिक बयानों के साथ ही असत्य, भ्रष्ट, कालाबाजारी जैसे सामान्य शब्द नहीं बोल सकते।

4 लोकसभा सचिवालय की नई बुकलेट में इन्हें असंसदीय शब्द बताया गया। बुकलेट में 1100 पेज हैं। ये लिस्ट लोकसभा-राज्यसभा के साथ ही विधानसभा की कार्यवाहियों के दौरान असंसदीय घोषित किए गए शब्दों को मिलाकर बनती है। ताजा लिस्ट 2021 की है। 2020 में असंसदीय शब्द के इस्तेमाल की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से एक शब्द को राज्यसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया था।

Special Session of Parliament संसद का विशेष सत्र New Parliament building comments on BJP MP Ramesh Bidhuri BSP MP Danish opposition surrounded BJP नया संसद भवन बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी बीएसपी सांसद दानिश पर टिप्पणी विपक्ष ने बीजेपी को घेरा