BHOPAL. विधानसभा चुनाव की कशमकश चरम पर है। कांग्रेस 230 विधानसभा में से 229 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। केवल बैतूल के आमला की सीट को रिजर्व रखा गया है। वह भी राजनीति में पदार्पण को बेताब डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के लिए। अब यहां कांग्रेस के खांटी नेताओं की बात की जाए तो उनके हिस्से में कई सीटों पर निराशा हाथ लगी है। दूसरी पार्टी से आए दलबदलुओं, पार्टी से बगावत का झंडा बुलंद करने वाले नेताओं की इस बार के चुनाव में तूती बोलती नजर आ रही है। कांग्रेस ने विरोध के बावजूद 15 सीटों पर कांग्रेस के प्रति समर्पित नेताओं को इस बार ठेंगा दिखाया है।
सर्वे में भी दलबदलू पड़े कांग्रेसियों पर भारी
दरअसल विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने अपना सर्वे कराया था, ताज्जुब इस बात का है कि पार्टी सर्वे में भी परंपरागत कांग्रेसी नेताओं के बजाए दलबदलू और बागी नेताओं को भारी पाया गया। अब ऐसे नेताओं को टिकट दिए जाने के बाद कई सीटों पर कांग्रेसी विरोध भी कर रहे हैं। बदनावर में भंवर सिंह शेखावत का तो लंबे समय से पोस्टर्स के जरिए विरोध हो रहा था, वहीं बुरहानपुर में निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के विरोध में कांग्रेसी लामबंद हो रहे हैं। वे यहां से अल्पसंख्यक को टिकट देने की मांग कर रहे हैं।
यहां-यहां मिला दलबदलुओं और बागियों को मौका
कांग्रेस ने खातेगांव में बीजेपी से आए दीपक जोशी को मैदान में उतारा है, बदनावर में बीजेपी से आए भंवर सिंह शेखावत को मौका दिया गया है। सेमरिया सीट पर बीजेपी से आए अभय मिश्रा कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ेंगे। इसी तरह बीजेपी से आए गिरिजाशंकर शर्मा को होशंगाबाद, समंदर पटेल को जावद, राकेश सिंह चतुर्वेदी को भिंड, रामकिशोर शुक्ला को महू, बैजनाथ यादव को कोलारस, रश्मि पटेल को नागौद, यादवेंद्र सिंह यादव को मुंगावली से टिकट दिया गया। वहीं बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आए कैलाश कुशवाहा को पोहरी, साहब सिंह गुर्जर को ग्वालियर ग्रामीण और समाजवादी पार्टी छोड़कर आए चरण सिंह यादव को बिजावर सीट से मैदान में उतारा गया है। निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा को बुरहानपुर और बीजेपी के जिला अध्यक्ष अमित राय को भी कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है। जयस संरक्षक हीरालाल अलावा भी कांग्रेस प्रत्याशी होंगे।
आमला में भी शुद्ध कांग्रेसी रहेंगे मात्र दर्शक
बैतूल जिले के आमला सीट की बात की जाए तो 23 अक्टूबर को सरकार द्वारा निशा बांगरे के इस्तीफे पर फैसला लेते ही उन्हें यहां से कांग्रेस मैदान में उतार देगी। इस लिहाज से आमला का जमीनी कार्यकर्ता और खांटी कांग्रेसी मूकदर्शक बने यहां पार्टी का काम संभालेंगे और राजनीति में नईनवेली पदार्पण करने वाली निशा बांगरे टिकट हासिल कर चुनाव लड़ेंगी।