असीम दास ने ED पर लगाए आरोप, मुझ पर दबाव बनाकर कराए साइन, जिस गाड़ी में पैसे मिले न मैं उसका मालिक, न मैंने सीएम भूपेश को दिए पैसे

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Rahul Garhwal
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असीम दास ने ED पर लगाए आरोप, मुझ पर दबाव बनाकर कराए साइन, जिस गाड़ी में पैसे मिले न मैं उसका मालिक, न मैंने सीएम भूपेश को दिए पैसे

BHOPAL/RAIPUR/NEW DELHI. महादेव सट्टा एप। छत्तीसगढ़ की सत्ता को मुश्किल में डालने वाला। इस सट्टे की कहानी सट्टे बाजार की तरह ही बदल रही है। इसके किरदार किसी फिल्मी अभिनेता से कम नहीं। मुख्य किरदार असीम दास। ऐसी घुमावदार गुलाटियां मार रहा कि रोहित शेट्टी भी हैरान हो जाए। बीच चुनाव में ED ने एक पत्र जारी किया, जिसमें साफ लिखा कि असीम दास ने 500 करोड़ से ज्यादा रुपया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिया। बीजेपी को मिला चुनावी मुद्दा। मतदान के ठीक बाद असीम दास का एक पत्र फिर सामने आया। इसमें वो कह रहा कि मैंने भूपेश बघेल को कभी कोई रुपया नहीं दिया, ये पूरी तरह झूठ है।

अब समझते हैं इस पूरी कहानी की पटकथा। परदे से पीछे से इसके लेखकों ने जोरदार काम किया। जो पत्र वायरल है, ये असीम दास ने लिखा 2 नवम्बर को। उस वक्त ये किसी मीडिया में नहीं आया। सिर्फ 'द सूत्र' ने इसकी खबर दी। चुनाव पूरा होते ही इस पत्र को सुनियोजित तरीके से बाजार में छोड़ दिया गया।

देश का पूरा नेशनल मीडिया इस पर एक ही समय पर खबर प्रकाशित करता है। सब लिखते हैं कि असीम दास ने खाई पलटी। बोला- मैंने बघेल को कोई पैसा नहीं दिया। राजनीति का मोहरा बन चुके असीम दास के किरदार के अभी कई और रंग-रूप सामने आ सकते हैं।

असीम दास की पूरी कहानी। वो पत्र, जिसमें उसने अपने पूरे किरदार को उतारा है। किसी भी मीडिया में पहली बार आप पढ़ेंगे। हम इसे जस का तस प्रकाशित कर रहे हैं...

प्रति,

संचालक, प्रवर्तन निदेशालय, भारत सरकार

द्वारा जोनल ऑफिस, द्वितीय तल, पुजारी

कॉम्प्लेक्स, पचपेड़ी नाका, रायपुर (छ.ग.) 492001

विषय - दिनांक 02.11.2023 को शुभम सोनी उर्फ पिंटू एवं उसके साथियों द्वारा षड्यंत्र।

महोदय,

मैं, असीम दास, पिता- श्री सुशील दास, निवासी- मकान नंबर 15/17 इंडस्ट्रियल एरिया, भिलाई, जिला-दुर्ग (छ.ग.)। मुझे दिनांक 03-11-2023 को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अपराध क्रमांक ECIR/RZ0/10/2022 में संदेह के आधार पर हिरासत में लिया गया और उसके बाद माननीय न्यायाधीश (पी.एम.एल.ए) रायपुर (छ.ग.) के आदेशानुसार ईडी को रिमांड पर सौंपा गया।

ईडी कार्यालय में मुझे समाचार पत्र पढ़ने नहीं दिया जाता था, परंतु जेल में आने के बाद जब मैंने अखबारों में मेरी हिरासत से संबंधित खबरें पढ़ी तो मैं स्तब्ध व हैरान हो गया। मैं शुभम सोनी उर्फ पिंटू भईया से दुबई में मिला और उन्होंने मुझसे छत्तीसगढ़ में कंस्ट्रक्शन संबंधित कारोबार में मदद का वायदा कर मुझे छत्तीसगढ़ वापस भेजा जिसके बाद मैं उनसे मुलाकात कर उनके कहे अनुसार छत्तीसगढ़ में कंस्ट्रक्शन का व्यवसाय खोलने के उद्देश्य से आया था परंतु अखबारों में अलग खबर लिखी गई है। कि मेरे पास से जब्त की नगद राशि को मैं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी को देने आया था जो पूर्णत: असत्य है। मुझे यह ज्ञात होने पर कि मुझे एक बहुत बड़े षड्यंत्र का शिकार बनाया गया है, मैंने ईडी दफ्तर से न्यायालय जाते समय अपने वकील साहा के माध्यम से माननीय न्यायालय के समक्ष आवेदन पर लिखित आपत्ति दर्ज करते हुए मेरे साथ घटित घटना का विस्तृत विवरण पेश किया है।

मुझे माह अक्टूबर 2023 के पहले हफ्ते में शुभम सोनी द्वारा फोन कर दुबई बुलाया गया था, उसने मुझसे लुभावनी बात की और क्यूंकि मैं बचपन में उनके साथ क्रिकेट खेलता था और जानता पहचानता था, इसलिए मैंने उनकी बात मान ली। दिनांक 08.10.2023 को मैं दुबई पहुंचा। शुभम सोनी के साथ काम करने वाले लोगों ने मुझे करीब दो से तीन दिन तक अपने साथ रखकर दुबई घुमाया और फिर मुझे शुभम सोनी से बिना मिलवाये ही भारत भेज दिया गया। वहां की चकाचौंध देखकर मैं प्रभावित हो गया, पुन: शुभम सोनी ने टिकट भेजकर मुझे दुबई बुलाया तो मैं दिनांक 25.10.2023 को दुबई पहुंचा जहां दो-तीन दिन बाद मेरी उनसे मुलाकात हुई।

शुभम सोनी ने मुझे छत्तीसगढ़ में कंस्ट्रक्शन का काम चालू करने की इच्छा जाहिर की और कहा कि चूंकि तुम्हें काफी लंबे से जानता हूं इसलिए तुम मेरे लिए काम चालू करो। पैसे वगैरह का इंतजाम मैं देख लूंगा। मैं यह भी बताना चाहता हूं कि मुझे शुभम भैया ने यह भी कहा कि किसी से डरने की जरूरत नहीं है। इस पर मैंने उनसे सवाल किया कि आखिर डरने वाली बात ही क्या है तो शुभम भैया ने जवाब देते हुए कहा कि अरे यार तू जानता नहीं है बड़ा काम करो, बड़ा पैसा संभालो तो लोग जलते हैं।

शुभम भैया मुझे यह भी भरोसा दिलाया कि तू चिंता मत कर थोड़े समय में तुझे भी यूरोप बुला लेंगे यह सुनकर मुझे अजीब लगा तो मैंने उनसे पूछा कि आप दुबई में नहीं रहने वाले हो क्या ? तब शुभम भैया ने मुझसे कहा कि यहां का काम अब खत्म हो चुका है और यह भी बताया कि उनकी 05 नवंबर की फ्लाइट की टिकट हो गई है और अब वह संभवत: एम्स्टर्डम था लंदन में जा कर ही रहेंगे। आज खुद मनगढ़ंत आरोपों में फंस जाने के बाद मुझे अब यह समझ आया है कि शुभम सोनी दुबई छोड़कर जाने की बात क्यों कर रहा था।

मुझे यकीनन इस षड्यंत्र में फंसाया गया है क्योंकि मैंने जब शुभम सोनी से यह पूछा कि महादेव एप के संबंध में काफी जांच पड़ताल हो रही है तो क्या हमें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। इसके उत्तर में शुभम सोनी ने मुझसे यह कहा कि सौरभा चंद्राकर और रवि उप्पल जो महादेव एप के प्रमुख संचालक एवं मालिक हैं उनकी पहले से ही ईडी के कोई अधिकारी मिश्रा से सेटिंग हो गई है जिसके चलते उनमें से किसी को भी पकड़ने या उन पर कोई कार्यवाही किए जाने की संभावना का प्रश्न खड़ा नहीं होता है।

शुभम सोनी से मेरी मुलाकाता के उपरांत उनके सहयोगियों ने मेरा सैमसंग का मोबाइल फोन लेकर एक एप्पल कंपनी का आईफोन दिया जिसमें मेरा ही सिम काम कर रहा था। मुझे मेरा सैमसंग का फोन वापस नहीं दिया गया। इसी फोन के माध्यम से मेरी शुभम सोनी से फेसटाइम नामक एप और कुछ और एप जो शुभम सोनी ने आईफोन में डाला था से मैं संपर्क हुआ है। शुभम के साथ काम करने वालों ने मुझे यह भी बताया कि रायपुर पहुंचकर मुझे एक काले रंग की इनोवा गाड़ी जिसका नंबर सी.जी. 12 ए.आर. 6300 एयरपोर्ट की पार्किंग में मिलेगी, जिसे लेकर मुझे वीआईपी रोड स्थित होटल ट्राइटन जाना है जहां मेरे नाम से एक कमरा बुक है।

दिनांक 02.11.2023 को मैं रायपुर एयरपोर्ट पहुंचा, जहां मुझे बताये अनुसार पार्किंग में गाड़ी मिली, जिसमें मैं होटल ट्राइटन पहुंच गया। होटल पहुंचते ही मुझे फोन पर गाड़ी को बाहर खड़ा करने को कहा गया जिसके उपरांत मैं होटल में रूम नं. 311 में गया। रूम में जाने के बाद मुझे दो-सवा दो बजे फोन आया और मुझे मेन रोड में आने को कहा गया। वहां एक व्यक्ति मुझे काले रंग की बाइक में मिला और एक कार्बन कंपनी का मोबाइल फोन दिया और मुझसे यह कहा कि अब इस फोन से ही बात करना और गाड़ी में ही इंतजार करना है। मुझे आधे पौन घंटे के बाद फोन आया और यह सूचित कि मुझे गाड़ी का दरवाजा खोले रखने को कहा गया। कुछ समय बाद ही एक व्यक्ति ने मेरी गाड़ी के पीछे की सीट में दो बैग रख दिए जिसमें से कुछ नोट के बंडल गिरने पर मैं घबरा गया और मैंने उसे हैंड रेस्ट में रख दिया।

मुझे यह भी निर्देशित किया गया कि कुछ और बैग आ रहे हैं जिनका मैं इंतजार करूं। उसी वक्त मैंने अपना आईफोन खेलकर देखा जिसमें पहले से ही कुछ चीजें लोड थीं और शुभम सोनी का एक वीडियो भी था। मैं यह सब देखकर घबरा गया और मुझे अंदेशा हुआ कि मुझे फंसाया जा रहा है। कुछ देर बाद ही एक व्यक्ति जिसने मेरी गाड़ी में तीन और बैग रख दिए और मेरे सिम को कार्बन कंपनी के मोबाइल में लगा दिया। मुझे फिर फोन आया कि मैं गाड़ी को होटल की पार्किंग में खड़ा कर अपने रूम में चला जाऊं।

कमरे में पहुंचने के कुछ मिनट बाद ही दरवाजा खटखटाने की आवाज आती है और एक हरी टीशर्ट पहना हुआ अनजान व्यक्ति प्रकट होता है जो अपना नाम ठंडी लाल मीना और अपने आप को ईडी का अधिकारी होना बताया। ठंडी लाल मीना ने मुझसे कहा, हां बेटा! सारा सामान रख लिया ? उसकी बातों से यह लगा मानो उसे सब कुछ पता हो। ठंडी लाल मीना ने मुझसे कहा कि ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है, तुम्हारा बयान तैयार है, मेरे साथ आओ। ईडी का उक्त अधिकारी मुझे नीचे पार्किंग में मेरी गाड़ी के पास लेकर गया जहां पहले से ही ईडी के 2 अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मेरे द्वारा ईडी के उक्त अधिकारी से मेरे हिरासत में लिए का कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि किसी ना किसी को गिरफ्तार करना था। बिना सोचे-समझे किसी से इतनी नगद रकम नहीं लेनी थी। ईडी के तथाकथित अधिकारियों द्वारा मुझे पहले से अंग्रेजी भाषा में टाइप किए गए कागजों पर जबरन दस्तखत करवाया गया। मैं अंग्रेजी भाषा ना ही पढ़ना और लिखना जानता हूं परंतु डर और दबाव में मैंने उन पर हस्ताक्षर कर दिए। मेरे द्वारा कभी भी किसी भी राजनीतिक दल के किसी भी नेता या कार्यकर्ता को पैसे या किसी अन्य प्रकार का सहयोग लाभ नहीं पहुंचाया गया है। मुझे बताया गया है कि समाचार पत्रों में मुझे कुरियर बॉय के नाम से संबोधित किया जा रहा है पर यह मेरा काम कभी रहा ही नहीं है।

महोदय मुझे अब यह ज्ञात हो रहा है कि मुझे बेवजह बलि का बकरा बनाकर अनर्गल आरोपों में फंसाया जा रहा है जिसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है। मैं पुन: यह साफ स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैंने ना ही कभी बघेल, किसी वर्मा या किसी अन्य कांग्रेस पार्टी के नेता व कार्यकर्ता को किसी भी तरह से पैसे या किसी अन्य प्रकार का सहयोग नहीं पहुंचाया गया है।

मुझे बताया गया है कि समाचार पत्रों में मुझे कुरियर बॉय के नाम से संबोधित किया जा रहा है पर यह मेरा काम कभी रहा ही नहीं है। मैंने इस संबंध में एक आवेदन माननीय न्यायालय में भी लगाया है। उस पर संज्ञान लेकर कार्यवाही की जाए।

उपरोक्त तथ्यों के आलोक में मेरा माननीय महोदय से विनम्र प्रार्थना है कि:

1- मेरे द्वारा इस्तेमाल किए गए सिम जो कि ईडी द्वारा जब्त किया गया है सीडीआर मंगवाकर जांच की जावे।

2- काले रंग की बाइक में आए व्यक्ति द्वारा सौंपने वाले व्यक्ति जो कि बिना किसी हेलमेट एवं मास्क के आया था की पहचान कर उससे पूछताछ कर कार्यवाही की जावे।

3- होटल ट्राइटन एवं उसके आसपास लगाए गए कैमरा की फुटेज कर मुझ तक नोटों का बैग पहुंचाने वाली गाड़ी की मालिकाना हक की जांच कर पूछताछ की जाए।

4- मेरी गिरफ्तारी दौरान मौजूद समस्त ईडी अधिकारी के विरुद्ध चाल का अंजाम हेतु जांच की जाए।

5- शुभम भैया का एक वीडियो है जो मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला है जिसमें उन्होंने 508 करोड़ रुपए बघेल को देने की बात कही है। इस वीडियो के संबंध में जांच किया जाए कि यह वीडियो कहा सें आया, अगर यह मिल जाएगा तो शुभम भईया भी मिल जाएंगे ताकी उनसे पूछताछ की जा सके और उन्हें पकड़ा जाए। मैं निर्दोष हूं मुझे छोड़ा जाए।

6- दिनांक 05.11.2023 को दुबई से एम्स्टर्डम व लंदन जाने वाले समस्त फ्लाइट की पैसेंजर लिस्ट उपलब्ध कर शुभम सोनी की आज की स्थिति के बारे में पता कर शुभम सोनी, सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल खोजा जाए। पकड़ा जाए। उनसे पूछताछ किया जाए तभी हम लोगों को न्याय मिल सकता है।

आवेदक

असीम दास

पिता - श्री सुशील दास

निवासी - मकान नंबर 15/17

इंडस्ट्रियल एरिया भिलाई

जिला - दुर्ग (छ.ग.)

प्रतिलिपि

1- माननीय प्रधानमंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय,

ई ब्लॉक, सेंट्रल सेक्रेटोरिएट, नई दिल्ली, 110011

2- माननीय मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय, तिलक मार्ग, नई दिल्ली 110011

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