RAIPUR. नई दिल्ली के बाद अब नवा रायपुर में जी-20 की बैठक होने जा रहा है। इसके लिए एयरपोर्ट से लेकर कार्यक्रम स्थल, सड़कों और चौक-चौराहों को छत्तीसगढ़ी संस्कृति से सजाया गया है। बैठक में छत्तीसगढ़िया रंग नजर आएगा, जिसमें खान-पान से लेकर कला-संस्कृति और होर्डिंग्स में छत्तीसगढ़ी अस्मिता की झलक दिखने को मिलेगी। बांग्लादेश, इजिप्ट, मारीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, यूएई से आए मेहमानों को भोजन अतिथियों को कांसे की थाली में छत्तीसगढ़ी पकवान के साथ परोसी जाएगी। साथ ही छोटी टेबल-कुर्सी में बिठाकर अतिथियों को भोजन कराया जाएगा। संस्कृति विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। 18 और 19 सितंबर की दो दिन की बैठक में जी-20 देशों के विशेष व्यंजन के साथ छत्तीसगढ़ पकवान भी हर समय उपलब्ध रहेगा।
करमा-शैला-ककसार नृत्य से स्वागत
जी-20 में भाग लेने के लिए रायपुर पहुंचे वित्त सचिवों और बैकिंग अधिकारियों के सामने लोक कलाकारों ने करमा-शैला और ककसार नृत्य प्रस्तुत किया। अतिथियों को छत्तीसगढ़ी गमछा पहनाते हुए तिलक लगाकर उनका स्वागत किया गया था। पुरुष और महिलाएं यहां छत्तीसगढ़ी संस्कृति से रंगे परिधानों में नजर आए थे। लोक वाद्य यंत्रों के संग्रहणकर्ता रिखी क्षत्रिय की टीम ने एयरपोर्ट पर लोकधुनों से मेहमानों का स्वागत किया था। इस मौके पर प्राचीन तुरही वाद्य यंत्र में छत्तीसगढ़ राजगीत के साथ अन्य गीतों की गूंज सुनाई दी। टीम ने यहां बैगा करमा और माड़ी करमा नृत्यों की प्रस्तुति दी दी।
छत्तीसगढ़ व्यंजन में यह शामिल होगा
इस बैठक के समापन के बाद राज्य सरकार की ओर से विदेश से पहुंचे मेहमानों का सम्मान किया जाएगा। उन्हें स्मृति चिन्ह और वनोपज से बने उत्पादों को गिफ्ट पैककर दिए जाएंगे। वनोपज उत्पादों में मिलेट्स से बने बिस्किट, छत्तीसगढ़ जैविक उत्पाद, एलोवीरा जैल, शहद आदि शामिल होंगे। बस्तर आर्ट से बनी स्मृति चिन्ह अतिथियों को भेंट की जाएगी। मुनगा-बड़ी, अंगाकर रोटी, चीला-फरा, छत्तीसगढ़ी बफोरी कढ़ी, बासमती चावल, बड़ा, चेच भाजी, मुनगा भाजी, मूंग भाजी व अन्य भाजियों का व्यंजन, मूंग बड़ा, ठेठरी-खुरमी,अइरसा, करी लड्डू,पपची, गुलगुल भजिया।