राजस्थान बीजेपी के उम्रदराज नेताओं का गहलोत प्रेम पार्टी के लिए बन रहा मुसीबत, मेघवाल के बाद सूर्यकांता और अब देवीसिंह भाटी

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Rahul Garhwal
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राजस्थान बीजेपी के उम्रदराज नेताओं का गहलोत प्रेम पार्टी के लिए बन रहा मुसीबत, मेघवाल के बाद सूर्यकांता और अब देवीसिंह भाटी

मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान बीजेपी में जहां नेतृत्व को लेकर नेताओं की खींचतान एक समस्या है, वहीं पार्टी के उम्रदराज नेताओं का सीएम अशोक गहलोत का प्रति प्रेम भी पार्टी के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है। पिछले 3 दिन मे ही पार्टी से जुड़े 3 बुजुर्ग नेता गहलोत के प्रति अपना लगाव जगजाहिर कर चुके हैं।

नए मोर्चे से जूझ रही बीजेपी

गहलोत प्रेम जाहिर करने की शुरुआत कैलाश मेघवाल ने की, फिर सूर्यकांता व्यास का बयान सामने आया और अब बीजेपी के दिग्गज नेता रहे देवीसिंह भाटी ने भी गहलोत से मुलाकात की है। ऐसे मे पार्टी अब इस नए मोर्चे से भी जूझती दिख रही है।

'कैलाश मेघवाल बोले- गहलोत अच्छे आदमी'

पिछले एक सप्ताह की बात करें तो सबसे पहले 89 साल के पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल ने मोर्चा खोला। केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को बढ़ते महत्व और उनके विधानसभा क्षेत्र में अर्जुनराम की बढ़ती घुसपैठ से नाराज कैलाश मेघवाल ने खुल कर पार्टी के खिलाफ बगावत की और अब निलम्बित हो गए हैं। इस बगावत में उन्होंने सीएम अशोक गहलोत के प्रति अपना प्रेम भी दर्शाया और कहा कि गहलोत अच्छे आदमी हैं, क्योंकि मेरी मांग पर उन्होंने मेरे विधानसभा क्षेत्र शाहपुरा को जिला बनाया। कैलाश मेघवाल भले ही 89 साल के हो गए, लेकिन उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा अभी खत्म नहीं हुई है और इसलिए उनके गहलोत प्रेम को राजनीतिक दृष्टि से अहम भी माना जा रहा है।

सूर्यकांता व्यास ने की गहलोत की तारीफ



दूसरा मामला एक दिन पहले ही सामने आया जब जोधपुर के सूरसागर विधानसभा क्षेत्र की 85 साल की बीजेपी विधायक सूर्यकांता व्यास ने पुष्करणा समाज की एक मूर्ति के सरकार से मिली आर्थिक मदद के लिए गहलोत की जमकर तारीफ की और कहा कि गहलोत ने राजा-महाराजाओं जैसा काम किया है। सूर्यकांता व्यास 6 बार की विधायक हैं और अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखती है। उम्र के चलते उनका टिकट कटने की इस बार पूरी सम्भावना है, हालांकि उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा अभी बची हो, इसके कोई संकेत सामने नहीं आए हैं। ऐसे में उनके गहलोत प्रेम को पार्टी ज्यादा गम्भीरता से नहीं ले रही है, हालांकि पार्टी की ओर से उन्हें हिदायत जरूर दी गई है कि चुनाव के समय इस तरह की बयानबाजी से बचें।

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सीएम गहलोत से मिले देवीसिंह भाटी

तीसरे नेता हैं देवीसिंह भाटी जो कभी बीजेपी के दिग्गज नेता थे। सरकार में मंत्री भी रहे, लेकिन अब पार्टी से बाहर हैं। वे कोशिश कर रहे थे कि पार्टी उन्हें वापस ले, लेकिन बीकानेर के स्थानीय समीकरणों में अब अर्जुनराम मेघवाल ज्यादा भारी हैं और इसी के चलते देवीसिंह भाटी की बीजेपी में वापसी नहीं हो पा रही है। अब बताया जा रहा है कि वे सीएम अशोक गहलोत से मिले हैं और ये मुलाकात निश्चित रूप से कोई गुल जरूर खिलाएगी। जानकार मानते हैं कि कांग्रेस में उनके शामिल होने की सम्भावना कम है, इससे पार्टी के स्थानीय स्तर के समीकरण प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन ये सम्भावना जरूर है कि वे निर्दलीय या किसी अन्य दल के साथ जुड़कर कांग्रेस के लिए बाहर से काम करें। होगा क्या ये तो भविष्य ही बताएगा, लेकिन ये बात सही है कि लगभग 75 साल के हो चुके देवीसिंह भाटी की राजनीतिक सक्रियता अभी भी बनी हुई है और वे आगे भी सक्रिय रहना चाहते हैं।

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बीजेपी की परेशानी बढ़ी

पार्टी के इन उम्रदराज नेताओं की सीएम गहलोत के प्रति ये बयानबाजी या लगाव चुनाव के समय खासा परेशानी भरा साबित हो रहा है, क्योंकि कांग्रेस के कार्यकर्ता इनके गहलोत प्रेम के वीडियो जमकर वायरल कर रहे हैं। ऐसे में जहां कैलाश मेघवाल के आरोपो का जवाब देने के लिए बीजेपी को पार्टी के एससी मोर्चे को सक्रिय करना पड़ा वहीं सूर्यकांता व्यास को हिदायत देनी पड़ी। अब ऐसे ही अन्य सम्भावित नेताओं पर भी पार्टी नजर बनाए हुए है।

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