शिवम दुबे, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में कोल लेवी मामले में गिरफ्तार सौम्या चौरसिया की बेल याचिका पर सुनवाई टल गई है। अब यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में आने वाले 5 दिसंबर को होगी। मिली जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में ईडी की ओर से जमानत याचिका के विरोध में तर्क किए जाने थे, लेकिन ईडी के अधिवक्ता स्वास्थ्यगत कारणों के चलते उपस्थित नहीं हो पाए। सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 5 दिसंबर तय की है। सौम्या चौरसिया को बीते साल यानी 2 दिसंबर 2022 को ईडी ने गिरफ्तार किया था, उसके बाद से सौम्या चौरसिया लगातार केंद्रीय जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच इस याचिका की सुनवाई कर रही है।
बचाव पक्ष की ये दी दलील
सुप्रीम कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर बेल याचिका दायर करते हुए कहा गया है कि सौम्या चौरसिया के खिलाफ मामला नहीं बनता, साथ ही जबकि हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की। उसके पहले कर्नाटक की बैंगलोर कोर्ट से शेड्यूल अफेंस हट गए थे, लेकिन इस महत्वपूर्ण तथ्य पर विचारण नहीं हुआ। इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से जमानत दिए जाने के पक्ष में तर्क दिए जा चुके हैं, अब ईडी की ओर से जमानत याचिका के विरोध में तर्क दिया जाना है।
क्या है पूरा मामला?
सौम्या चौरसिया को ईडी ने 500 करोड़ से ज्यादा के कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार किया है। सौम्या चौरसिया को लेकर ईडी का आरोप है कि, कोयला ट्रांसपोर्ट में 25 रुपए टन की लेवी ली जाती थी। ईडी ने इस इस मामले का किंगपिन सूर्यकांत तिवारी को बताया गया है। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि, लेवी वसूलने के लिए नियमों को बदल कर उसे मैनुअल कर दिया गया। ईडी के अनुसार सूर्यकांत तिवारी बेहद प्रभावशाली था, सूर्यकांत को असीमित शक्ति और प्रभाव सीएम भूपेश की (निलंबित) उप सचिव सौम्या चौरसिया से मिलती थी। ईडी का आरोप है कि सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला और लेवी वसूली से रकम मिलती थी जिससे संपत्ति अर्जित की।
कौन-कौन गिरफ्तार?
ईडी ने इस मामले में आईएएस समीर बिश्नोई, आईएएस रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल और सीएम भूपेश की (निलंबित) उप सचिव सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया है। सौम्या चौरसिया पिछले साल दो दिसंबर 2022 से केंद्रीय जेल रायपुर में न्यायिक हिरासत में कैद है।