JAIPUR. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 30 अगस्त को न्यायपालिका के खिलाफ एक बयान दिया था। जिसके खिलाफ अधिवक्ता कुणाल शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट का कहना है कि वह पक्षकार को लिखित में माफी मांगने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं।
सीएम गहलोत का भड़काऊ बयान
बता दें कि सीएम गहलोत ने 30 अगस्त को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि ज्यूडिशियरी में बहुत भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि कई वकील जजमेंट लिखकर ले जाते हैं। वही जजमेंट आता है। ज्यूडिशियरी के अंदर यह क्या हो रहा है? चाहे लोअर ज्यूडिशियरी हो या अपर। हालात गंभीर हैं। देशवासियों को सोचना चाहिए। हालांकि, इसके दूसरे दिन सीएम ने कहा कि वह ज्यूडिशियरी का सम्मान करते हैं और उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है।
पहले भी दर्ज हैं कई याचिकाएं
सीएम अशोक गहलोत के इस याचिका के अलावा भी कई याचिकाएं दर्ज हैं। अधिवक्ता शिवचरण गुप्ता की जनहित याचिका पर तो हाईकोर्ट अशोक गहलोत को पहले ही नोटिस जारी कर चुकी है। जिस पर 3 अक्टूबर को सुनवाई होने वाली है।