शिवम दुबे, RAIPUR. नौकरी में पदोन्नति के आरक्षण मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के द्वारा पदोन्नति में दिए जाने वाले आरक्षण पर रोक के स्टे को खारिज कर दिया है। इस फैसले के बाद राज्य सरकार को करारा झटका लगा है। बता दें कि पदोन्नति में रिजर्वेशन की प्रक्रिया पर हाईकोर्ट द्वारा लगाए गए स्टे को हटाने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रफुल्ल भारत के अनुसार राज्य सरकार की यह याचिका खारिज होने का अर्थ है जब तक इस मामले की अंतिम सुनवाई नहीं हो जाती है, तब तक किसी भी प्रकार से पदोन्नति में आरक्षण लागू नहीं होगा।
क्या है यह आरक्षण मामला?
राज्य में होने वाली पदोन्नति में दिए जाने वाले आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में यह याचिका लगाई गई थी। विद्युत मंडल के कर्मचारी विष्णु प्रसन्न शर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रफुल्ल भारत और अधिवक्ता विवेक शर्मा ने इसे दायर की थी। इस स्टे मामले में लगातार हुई बहस और मामले में प्रारंभिक सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता के तर्कों से सहमत होते हुए हाईकोर्ट ने पदोन्नति में रिजर्वेशन पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने पदोन्नति में रिजर्वेशन पर रोक का आदेश 9 दिसंबर 2019 को पारित किया था। राज्य सरकार की ओर से यह स्थगन हटाने के लिए याचिका दायर की गई थी। जिसे सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है। आरक्षण के मामले पर पहले से घिरी भूपेश सरकार के लिए हाईकोर्ट का यह फैसला करारा झटका है।