अरुण तिवारी, BHOPAL. मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद जो विधानसभा काम करेगी, वो 16वीं विधानसभा होगी। विधानसभा की शुरुआत से पहले हम आपको बता रहे हैं कि नई विधानसभा के सदस्यों को कुल कितने साल का विधायकी का अनुभव है। ये अनुभव इस आधार पर बता रहे हैं कि कौन कितनी बार का विधायक रहा है। इसमें हमने उन विधायकों को नहीं गिना जो 2023 में पहली बार विधायक बने हैं। द सूत्र की पड़ताल में पता चला कि प्रदेश की 16वीं विधानसभा में पहुंचने वाले बीजेपी के विधायकों का कुल अनुभव 890 साल और कांग्रेस के विधायकों का कुल अनुभव 240 साल है, यानी बीजेपी के विधायकों का अनुभव कांग्रेस से करीब-करीब 4 गुना ज्यादा है। इनमें कांग्रेस और बीजेपी के वो विधायक शामिल हैं जो दूसरी बार से नौंवीं बार तक विधायक बने हैं।
कैसे निकाला अनुभव
इसमें पहली बार के विधायकों को नहीं गिना है क्योंकि उनकी विधायकी का समय अभी शुरू हुआ है। वहीं जो सीनियर विधायक हैं उनके अनुभव को हमने 15वीं विधानसभा यानी पिछले कार्यकाल तक लिया है, क्योंकि ये 16वीं विधानसभा है जिसके सदस्य अभी चुने गए हैं और उनका कार्यकाल अभी शुरू ही हुआ है। उदाहरण के तौर पर हमने नौंवी बार के विधायक गोपाल भार्गव की 8 बार की विधायकी का अनुभव लिया है। इसी तरह बाकी विधायकों के अनुभव का आकलन किया है और उन विधायकों के संसदीय अनुभव को भी गिना है, जो सांसद रह चुके हैं।
सबसे ज्यादा अनुभव वाले विधायक
सभी विधायकों को 1130 साल का अनुभव
इस तरह बीजेपी के इन विधायकों का कुल अनुभव जोड़ें तो 890 साल और कांग्रेस के विधायकों का कुल अनुभव होता है 240 साल। बीजेपी-कांग्रेस को मिलाकर कुल अनुभव देखें तो 1130 साल होता है। हमने इस लिस्ट में पहली बार के विधायकों को शामिल नहीं किया है, जिनकी संख्या बीजेपी में 45 और कांग्रेस में 23 है। बीजेपी के करीब 80 फीसदी और कांग्रेस के सिर्फ 20 फीसदी विधायक हैं।