JAIPUR/BHOPAL. राजस्थान और मध्यप्रदेश में चुनावों को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के बाद पार्टी के दिग्गज नेताओं की चुनावी सभाओं का सिलसिला शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव का मौसम आते ही हेलिकॉप्टर के किराए में जबर्दस्त उछाल आ गया है। बड़े नेता चुनावी मौसम में ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं करने और चुनावी दौरों के लिए हेलिकॉप्टर की प्री- बुकिंग करवाने में जुटे हैं। इसके चलते विधानसभा चुनाव से पहले हेलिकॉप्टर का किराया आसमान को छूने लग गया है। विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाओं में आने- जाने के लिए नेताओं को हेलीकॉप्टर की जरूरत होगी। इस चुनावी समर में इन उड़न खटोलों का किराया डबल से ज्यादा हो गया है। इसकी वजह बड़ी चुनावी मौसम में डिमांड और सप्लाई में आया बड़ा गैप है।
जाने हेलीकॉप्टर के एक घंटे का किराया
चुनावी शंखनाद के बाद नेताओं की जनसभा में तेजी आने बाद हेलीकॉप्टर के किराए में उछाल देखने को मिला है। कुछ महीने पहले जो हेलीकॉप्टर एक घंटे के लिए 1.5 लाख रुपए में किराए पर मिल रहा था। आज वह किराया बढ़कर 3 से 4 लाख रुपए प्रति घंटा हो गया है। बड़ी पार्टियों से जुड़े नेताओं ने चुनावी सभाओं के लिए हेलीकॉप्टर बुक कर लिए हैं। इस नेताओं की चुनावी भागदौड़ के समय इस उड़न खटोले की मांग बढ़ गई है लेकिन उपलब्धता कम है। ऐसे में हेलीकॉप्टर का किराया लगातार बढ़ा रहा है।
देश में 350 से 400 हेलीकॉप्टर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में 350 से 400 हेलीकॉप्टर हैं। इनमें से अभी 25 से 30 हेलीकॉप्टर केदारनाथ यात्रा पर लगे हुए हैं। यात्रा समाप्त होने के बाद इन हेलीकॉप्टरों भी चुनावी कार्यक्रमों में लगाया जा सकता है। तूफानी चुनावी दौरों के लिए पार्टियों ने हेलीकॉप्टर की बुकिंग शुरू कर दी है।
चार्टेड हेलीकॉप्टर की उड़ानों में बढ़ोतरी
राजस्थान में सितंबर के बाद से चार्टेड हेलीकॉप्टर की उड़ानों में बढ़ोतरी देखने को मिली। जुलाई में उड़ान की संख्या 398 थीं जो अगस्त में बढ़कर 445 हो गईं। सितंबर में 945 उड़ान दर्ज की गई थीं। अब अक्टूबर में यह आंकड़ा बढ़कर 2 के करीब पहुंच सकता है। अगले महीने नंवबर में वोटिंग होनी है और इससे पहले नेताओं के चुनावी तेज हो जाएंगे। ऐसे में हेलीकॉप्टर की उड़ानों में इजाफा होने का अनुमान जताया जा रहा है।
सियासी समर और हेलीकॉप्टर
चुनाव प्रचार के लिए नेताओं की हेलीकॉप्टर से एंट्री का बेदद क्रेज रहता है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में हेलीकॉप्टर को लेकर अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। चुनाव प्रचार के दौरान हेलीकॉप्टर देखने के लिए लोग उत्साहित रहते हैं। ऐसे में इन्हें देखने के लिए भी हजारों की भीड़ जुटती है। ऐसे में पार्टी के बड़े नेता हेलीकॉप्टर से चुनावी सभा करने पहुंचते हैं। दूसरा कारण यह भी है कि पार्टी के बड़े नेताओं को एक दिन में कई सभाएं करनी होती हैं। ऐसे में समय बचाने के लिए भी हेलीकॉप्टर का प्रयोग किया जाता है। नेताओं की कम समय में ज्यादा से ज्यादा जनसभा को लेकर हेलीकॉप्टर की अहम भूमिका होती है।
इन विमानों की डिमांड
प्रदेश की राजनीति में तूफानी दौरों के लिए दोनों ही दलों द्वारा जो जिन विमानों की ज्यादा डिमांड है, उनमें चार्टर्ड एयरक्राफ्ट, जेट, टर्बोक्रॉप, 6 दो इंजन वाले इडब्लयू 139, एडब्ल्यू 109, एमडी 900 हेलीकॉप्टर, अगस्ता हेलीकाप्टर 6 सीटर सी-90, साइटेशन 2-5 सीटर और बी52 100-7 सीटर, सेस जेट-9 सीटर शामिल हैं।
विमानों का किराया
विमानों जो किराए पर लिए जा रहे हैं उनका प्रति घंटे के हिसाब से किराया इस प्रकार है। जेट विमान 2 से 4 लाख रुपए प्रति घंटा, 1.40 लाख टर्बोक्रॉप विमान, 3 से 3.75 लाख दो इंजन वाले हेलीकॉप्टर, 1.80 से 2.25 लाख दो इंजन चॉपर्स, 90 हजार से 1 लाख एक इंजन वाले हेलीकॉप्टर प्रति घंटे के हिसाब से किराए पर उपलब्ध रहेगा।