Dindori. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने डिंडौरी में आयोजित चरण पादुका कार्यक्रम में शिरकत की। यहां भी वे जनता से रूबरू होते हुए भावुक बयान दिया। उन्होंने लोगों से पूछा कि मामा को सीएम बनना चाहिए कि नहीं? उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में लोगों को हाथ उठाकर संकल्प भी दिलाया। बता दें कि शुक्रवार को सीएम ने डिंडौरी में एक रोड शो भी किया।
ईमानदारी से बताना- मैं कैसी सरकार चला रहा?
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन के दौरान लोगों से यह भी सवाल किया कि आज आप से पूछ रहा हूं- ईमानदारी से बताना, मैं कैसी सरकार चला रहा हूं? ये सरकार आगे चलनी चाहिए कि नहीं? मोदी जी को पीएम बनना चाहिए कि नहीं? बहनों भाईयों आज हम संकल्प लें कि जो हमारा साथ देगा, हम उसका साथ देंगे।
लगातार जनता को कर रहे सेंटी
सीएम शिवराज सिंह चौहान इससे पहले महिलाओं से पूछ चुके हैं कि अंतरात्मा से बताना, मैं आपको सगा भैया लगता हूं कि नहीं। उन्होंने एक बयान और दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि जब मैं चला जाऊंगा, तब याद आऊंगा कि नहीं?
इन्हें समझने के लिए गहरी दृष्टि चाहिए- शिवराज
सीएम शिवराज से जब इन बयानों के बारे में सवाल किया गया तो वे बोले- इसका मतलब भाई-बहन समझते हैं। मामा और मामा के प्रदेश की जनता समझती है। चुनाव तो जनता से पूछकर ही लड़ेंगे, हम पूछते हैं, लड़ें या नहीं लड़ें। तो जनता कहती है लड़ो। ये तो हमारे परिवार का रिश्ता है। इसे समझने काफी गहरी दृष्टि चाहिए।
सीहोर में कहा कि पुण्यों का उदय हो रहा है
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर में कहा कि यहां सभी लोग बैठे हैं, ये अपने पुण्यों का उदय है। मैं कितना भाग्यशाली हूं कि एक साथ इतने मंदिरों में भगवान की सेवा करने का अवसर मिला। महाकाल महाराज दरबार में महाकाल लोक बना, सलकनपुर में देवी लोक बन रहा है। कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान एक बच्चे को उठाकर उसे दुलारते नजर आए।
मैं सरकार नहीं परिवार चलाता हूं
रविवार को सीएम ने सीहोर में कहा था कि ऐसा भैया मिलेगा नहीं, जब मैं चला जाऊंगा तब याद आऊंगा तुम्हें। मेरे लिए राजनीति का अर्थ जनता की सेवा है। मैंने जनता को भगवान की तरह पूजा है। अरे मैं सरकार थोड़ी चलाता हूं, मैं तो परिवार चलाता हूं। आप सब मेरे परिवार हैं।
कमलनाथ ने साधा निशाना
इधर सीएम के इन भावुकता भरे बयानों को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस ने कटाक्ष किया है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि मध्य प्रदेश भाजपा में हताशा अपने चरम पर है। पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लेना बंद कर दिया और उन्हें मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर दिया। इसके जवाब में प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने के लिए पहले तो मुख्यमंत्री ने जनता के बीच यह पूछना शुरू किया कि मैं चुनाव लड़ूं या नहीं लड़ूं और अब सीधे पूछ रहे हैं कि मोदी जी को प्रधानमंत्री होना चाहिए या नहीं। पीएम और सीएम की जंग में, भाजपा में जंग होना तय है। जिन्हें टिकट मिला, वह लड़ने को तैयार नहीं है और जो टिकट की रेस से बाहर हैं, वह सबसे लड़ते फिर रहे हैं।