BHOPAL. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं। इसके बाद अब सभी को कल यानी 3 दिसंबर का बेसब्री से इंतजार है। ऐसे में प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ रहे 2533 उम्मीदवारों में से लगभग 2000 उम्मीदवारों की जमानत बचेगी या जब्त हो जाएगी, इसका फैसला तीन दिसम्बर को होने वाली मतगणना में हार जीत के साथ होगा। ये ऐसे कैंडिडेट होंगे, जिन्हें विधानसभा क्षेत्र में पड़े कुल मतों का छठवें हिस्से से अधिक वोट हासिल नहीं होंगे। बताया जा रहा है कि इतने वोट न पाने वाले प्रत्याशियों की सिक्योरिटी राशि चुनाव आयोग द्वारा जब्त कर ली जाएगी।
2533 उम्मीदवार चुनावी मैदान में
प्रदेश में इस बार 2533 कैंडिडेट अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनावी मैदान में खड़े हैं। इनमें से 230 प्रत्याशियों को तो विधायक के रूप में जीत मिलना तय है वहीं 230 निकटतम प्रतिद्वंद्वी के तौर पर जीते कैंडिडेट से कम वोट पाकर अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहेंगे। इस प्रकार 460 प्रत्याशी हार जीत के आधार पर अपनी जमानत बचाने में सफल होंगे। वहीम शेष बचे प्रत्याशियों को कुल पड़े मत का छठवां हिस्सा पाने पर ही नामांकन के समय जमा की गई राशि वापस मिल सकेगी और ऐसे इसके लिए ताकत लगाने को शेष बचे उम्मीदवारों की संख्या दो हजार के करीब होगी। भारत निर्वाचन आयोग के आदेशानुसार चुनाव लड़ रहे वे सभी उम्मीदवार अपनी निक्षेप राशि या सुरक्षा निधि गंवा बैठेंगे, जिन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में कुल डाले गए वैध मतों के छठवें हिस्से से कम या बराबर मत प्राप्त होंगे। बता दें कि आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार कुल वैध मतों के 16.66 प्रतिशत अथवा छठवें हिस्से से कम या बराबर मत मिलने पर उम्मीदवार द्वारा नाम निर्देशन पत्र के साथ जमा की गई निक्षेप राशि जब्त कर ली जायेगी।
इन उम्मीदवारों की जमा है इतनी जमानत राशि
निर्वाचन आयोग का कहना है कि विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 10 हजार रुपए और अनुसूचित वर्ग के प्रत्याशियों को 5 हजार रुपए की सुरक्षा निधि नामजदगी का पर्चा दाखिल करते वक्त जमा करना आवश्यक होता है। ऐसे में उम्मीदवार यदि अपने विधानसभा क्षेत्र में पड़े कुल वैध मतों का 16.66 प्रतिशत हिस्सा हासिल नहीं पाते तो ऐसे में उनके लिए अपनी ये जमानत राशि बचाना मुश्किल हो जाता है।