JAIPUR. राजस्थान में 199 विधानसभा सीटों 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं। ऐसे में अब लोगों को 3 दिसंबर का बेसब्री से इंतजार है। राजस्थान के चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले टर्न आउट मामूली बढ़ा है। जानकारी के मुताबिक सूबे में इस बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं का टर्नआउट अधिक रहा है। चुनाव आयोग के मुताबिक कुशलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक वोटिंग हुई है। वहीं, अहोर में सबसे कम मतदान हुआ है।
दिव्यांग मतदाताओं की व्यवस्था
आंकड़ों के मुताबिक सूबे में 2018 के 74.71 फीसदी के मुकाबले 75.45 फीसदी मतदान हुआ है। इस बार के चुनाव में पहली बार बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट से मतदान की व्यवस्था भी करवाई गई थी। पोस्टल बैलट से 0.83 फीसदी मतदान हुआ है। राजस्थान में 51 हजार से अधिक पोलिंग बूथ पर मतदान हुआ। श्रीगंगानगर जिले की करनपुर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण उस सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया था। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता का कहना है कि पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाताओं ने अधिक मतदान किया है। पुरुष मतदाताओं का मतदान प्रतिशत जहां 74.53 फीसदी रहा, वहीं महिला मतदाताओं में से 74.72 फीसदी मताधिकार का उपयोग किया गया।
पुरुषों का टर्नआउट महिलाओं से अधिक
वर्ष 2018 की बात करें तो पुरुषों ने महिलाओं की तुलना में अधिक वोट डाले थे। तब पुरुष मतदाताओं का टर्नआउट 74.71 और महिला मतदाताओं का वोटिंग प्रतिशत 74.67 फीसदी रहा था। ऐसे में माना जा रहा है कि पुरुषों का टर्नआउट महिलाओं से अधिक रहा था। चुनाव आयोग के मुताबिक राजस्थान की 199 सीटों में से सबसे ज्यादा वोटिंग कुशलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में हुई है।
पोखरण में 87.79 फीसदी मतदान
बता दें कि पोखरण में 87.79 फीसदी मतदान हुआ है। पोखरण में पिछले चुनाव में 87.50 फीसदी वोटिंग हुई थी। इसी तरह तिजारा विधानसभा क्षेत्र में 2018 के 82.08 फीसदी के मुकाबले इस बार 86.11 फीसदी मतदान हुआ है। गौरतलब है कि तिजारा और पोखरण, दोनों ही चर्चित सीटें हैं। पोखरण सीट पर दो धर्मगुरु आमने-सामने हैं. बीजेपी से महंत प्रताप पुरी चुनाव मैदान में हैं तो कांग्रेस से सालेह मोहम्मद मैदान में हैं। वहीं, तिजारा सीट से बीजेपी ने बाबा बालकनाथ को चुनावी मैदान में उतारा था।