New Delhi. पांच महीनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच तीसरी मुलाकात शुक्रवार (8 अगस्त) को दिल्ली में हुई। मोदी और बाइडन ने एक बार फिर क्वाड संगठन के प्रति अपने-अपने देश की न सिर्फ प्रतिबद्धता को जताई है, बल्कि सीधे तौर पर चीन को यह संदेश भी दिया है कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति के लिए उसकी गतिविधियों पर इस संगठन के माध्यम से नजर रखी जाएगी। करीब 50 मिनट चली मुलाकात में अमेरिका ने वैश्विक संगठनों में बदलाव की भारत की पुरानी मांग को समर्थन देने की बात दोहराई। दोनों नेताओं ने अत्याधुनिक उद्योगों के लिए जरूरी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रिश्तों पर संतोष जताया।
दोनों देशों के आपसी रिश्तों के सभी आयामों पर बातचीत
बाइडन जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार शाम को नई दिल्ली पहुंचे। यहां उनके आगमन के कुछ ही देर बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय मुलाकात हुई जिसमें दोनों देशों के आपसी रिश्तों के सभी आयामों पर बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने जून 2023 में वाशिंगटन में हुई अपनी मुलाकात के दौरान जीई जेट इंजन और डब्लूटीओ विवाद को सुलझाने को लेकर जो बातचीत की थी, उसकी भी समीक्षा की।
रक्षा संबंधों को मजबूत किया जाएगा
मोदी- बाइडन ने भारत-अमेरिका के बीच सामरिक व रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने को लेकर बातचीत कर अपनी प्रतिबद्धता जताई। रक्षा से जुड़े औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया। भारत में अमेरिकी कंपनी जीई एरोस्पेस की तरफ से युद्धक विमानों का इंजन बनाने से जुड़े प्रस्ताव को लेकर अमेरिकी कांग्रेस की तरफ से 29 अगस्त, 2023 को अधिसूचना जारी करने को लेकर भी प्रसन्नता जताई गई। दोनों नेता चाहते हैं कि अमेरिकी नौसैनिक जहाजों की मरम्मत व दूसरे कार्यों के लिए भारत एक केंद्र के तौर पर विकसित हो।
क्वाड देशों का क्या कहना है?
क्वाड अमेरिका, भारत, जापान और आस्ट्रेलिया का संगठन है, जो वर्ष 2017 के बाद तेजी से आकार ले रहा है। इन देशों का कहना है कि क्वाड का उद्देश्य हिंद प्रशांत क्षेत्र को खुला, शांतिपूर्ण व सभी के लिए समान अवसर वाला बनाना है। हालांकि, चीन और रूस क्वाड को अमेरिका के नेतृत्व में दुनिया में शीत-युद्ध काल को दोहराने वाला संगठन करार देते हैं।
अमेरिकी कंपनियों का भारत में निवेश, फैसले का किया स्वागत
दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सेमीकंडक्टर निर्माण से जुड़ी आपूर्ति श्रृंखला को विश्वस्त बनाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। इस संबंध में अमेरिकी कंपनियों की तरफ से भारत में निवेश करने के फैसले का स्वागत किया गया है, वहीं राष्ट्रपति बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को बतौर स्थायी सदस्य शामिल करने की मांग को अपना समर्थन दिया है और वर्ष 2028-29 में भारत के एक बार फिर इस परिषद में अस्थायी सदस्य के तौर पर शामिल होने का स्वागत किया।
बाइडन ने चंद्रयान-3 की सफलता पर दी बधाई
बाइडन ने चांद पर भेजे गए इसरो के अभियान चंद्रयान-3 और भारत के सोलर मिशन आदित्य-एल-1 की सफलता पर मोदी और इसरो को बधाई दी। भारत और अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच कई स्तरों पर सहयोग हो रहा है, जिसे मोदी और बाइडन का समर्थन हासिल है। दोनों देश साथ मिलकर अंतरिक्ष में अपने विज्ञानियों को भेजना चाहते हैं। इस बारे में एक फ्रेमवर्क पर काम हो रहा है, जिसे दिसंबर 2023 तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
जी-20 के अध्यक्ष के तौर पर भारत की भूमिका की तारीफ
बाइडन ने जी-20 के अध्यक्ष के तौर पर भारत ने जो भूमिका निभाई है, उसकी तारीफ की। मोदी-बाइडन ने उम्मीद जताई कि नई दिल्ली में होने वाले शिखर सम्मेलन में सतत विकास, बहुदेशीय सहयोग और आर्थिक नीतियों पर वैश्विक सहमति बनाने को लेकर प्रगति होगी। अमेरिका ने बहुदेशीय संस्थाओं में बदलाव को लेकर भारत की मांग का समर्थन किया है और उम्मीद जताई है कि जी-20 की बैठक में इस बारे में भी सहमति बनेगी। दोनों नेताओं के बीच रविवार को होने वाले शिखर सम्मेलन के साझा घोषणा पत्र को लेकर भी बातचीत हुई। मोदी की शुक्रवार को बांग्लादेश और मारीशस के प्रधानमंत्रियों से भी अलग से द्विपक्षीय मुलाकात हुई है।
संयुक्त बयान जारी
बाइडेन ने कहा- भारत की जी20 की अध्यक्षता बताती है कि ये फोरम कैसे अहम नतीजे दे सकता है, वहीं मोदी-बाइडेन ने जी20 के प्रति वादे को दोहराया और विश्वास जताया कि समिट अपने उद्देश्यों में सफल होगा।
मोदी-बाइडेन ने कहा, उनकी सरकारें इंडो-यूएस स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप पर काम करते रहेंगी। साथ ही दोनों ने स्वतंत्र, खुले, समावेशी और लचीले इंडो-पैसिफिक का समर्थन करने में क्वाड की अहमीयत बताई।
मोदी-बाइडेन ने भरोसा दिया कि हम ग्लोबली सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन के लिए मिल-जुलकर काम करेंगे। साथ ही भारत और अमेरिका रक्षा क्षेत्र में पार्टनरशिप के लिए प्रतिबद्ध हैं