संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर गुरुसिंघ सभा के चुनाव को लेकर वर्तमान प्रधान रिंकू भाटिया और फतेह पैनल के प्रमुख मोनू भाटिया के बीच विवाद फिर सतह पर आ गए हैं। वर्तमान कमेटी की जगह एडहॉक कमेटी बनवाने के दबाव के लिए मोनू ने रविवार शाम (26 नवंबर) को अमदास हाल में संगत की बैठक बुलाई। इसमें मंच पर तीनों चुनाव अधिकारी भी मौजूद रहे और यहां तक सभा को संबोधित भी किया। किसी पैनल विशेष के कार्यक्रम में पहुंचने से चुनाव अधिकारियों पर पक्षपात के आरोप लग रहे हैं। बैठक में खालसा पैनल के हरप्रीत बख्शी के पहुंचने को भी लेकर संगत में बातें चल रही है।
यह चुनाव अधिकारी पहुंचे मौके पर
राजिंदर बाबा, त्रिलोचन बासु, और रविंदर नारंग यह तीनों चुनाव अधिकारी मंच पर मौजूद रहे। राजिंदर बाबा ने सभा को संबोधित भी किया। उधर एक अन्य चुनाव अधिकारी जो बाद में चुनाव कमेटी से हट गए इंद्रजीत खनूजा भी मंच पर मौजूद थे।
राजिंदर बाबा के खिलाफ बोल चुके मोनू
उल्लेखनीय है कि यह वही राजिंदर बाबा है, जिनके खिलाफ मोनू भाटिया संगत की एक बैठक में खुलकर आरोप लगा चुके हैं कि उनपर तो केस है। इस पर रिंकू भाटिया ने ही आपत्ति ली थी और बाद में मोनू ने उनसे माफी मांगी थी। अब बाबा उन्हीं के पैनल के साथ खुलकर मौजूद है। फतेह पैनल के अध्यक्ष मोनू भाटिया खुद गुरुसिंघ सभा चुनाव में प्रधान पद के लिए घोषित उम्मीदवार भी है।
अमरदास की बैठक में उठा मुद्दा बने कमेटी, अकाल तख्त के आदेश का हो पालन
बैठक में मुद्दा था कि गुरुसिंघ सभा इंदौर द्वारा अकाल तख्त के आदेशों की अवहेलना की जा रही है। जिस संगत बैठक में रिंकू भाटिया ने 11 फरवरी के चुनाव की घोषणा की वह एक तरफा फैसला है, इस बैठक की सूचना केवल अपने वालों को दी गई। वहीं अकाल तख्त ने तो वर्तमा कमेटी हटाकर एडहॉक कमेटी बनाने का आदेश दिया है, जिसका पालन नहीं हो रहा है। बैठक में मौजूद गुरु सिंह सभा इंदौर पर मनमानी के आरोप लगाते हुए अकाल तख्त साहब के जत्थेदार साहब द्वारा नियुक्त मुख्य चुनाव अधिकारी और सहायक अधिकारियों के समक्ष बड़ी संख्या में अपने दोनों हाथों को उठा कर जयकारे के साथ अपना विरोध दर्ज कराया।