BHOPAL. इनकम टैक्स विभाग ने मंगलवार को ट्राइडेंट ग्रुप के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की है। मध्यप्रदेश के बुधनी के अलावा पंजाब सहित देश के दूसरे राज्यों में ट्राइडेंट ग्रुप के ठिकानों पर एक साथ विभाग की कार्रवाई चली । विभाग ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए राजधानी दिल्ली और पंजाब के करीब 30 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया।
जानकारी के मुताबिक ट्राइडेंट ग्रुप का 75 फीसदी उत्पाद विदेशों में निर्यात होता है। यह ग्रुप कई उद्योगों और विनिर्माण सुविधाएं संचालित करता है। सबसे बड़ी बात यह कि ग्रुप के निदेशक मंडल में मप्र के पूर्व चीफ सेक्रेटरी एंटनी डीसा स्वतंत्र निदेशक के पद पर हैं। एंटनी डीसा 2016 से 2017 तक मप्र के चीफ सेक्रेटरी रहे हैं। कहा जा रहा है कि उनके कार्यकाल में ग्रुप को बिजली में छूट प्रदान की गई थी। बुधनी सीएम शिवराज का गृह क्षेत्र भी है। ऐसे में इस मामले में कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। इसमें मप्र के कई वरिष्ठ अफसर और राजनेता भी जांच के घेरे में हैं।
ग्रुप से जुड़े निदेशकों के यहां भी छापे
आईटी विभाग की टीम मंगलवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे ट्राइडेंट ग्रुप (Trident Company) से जुड़े निदेशकों, कंपनी के चार्टर्ड एकाउंटेंट, मैनेजर सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों के आवास सहित अन्य लोकेशन पर पहुंची और सर्च ऑपरेशन शुरु किया। आईटी विभाग ने ने मप्र के बुधनी, राजधानी दिल्ली, लुधियाना, चंडीगढ़, सिरसा और बरनाला सहित 30 से ज्यादा ठिकानों पर पहुंची और छानबीन की।
अहम दस्तावेज जब्त
विभाग के सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ समय से इस कंपनी के द्वारा भारी मात्रा में टैक्स चोरी के इनपुट्स और सबूत मिल रहे थे। जिसको लेकर विभाग ने गंभीरता दिखाते हुए समूह के 30 से ज्यादा ठिकानों पर एक साथ सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, कार्रवाई के दौरान काफी महत्वपूर्ण सबूतों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और दस्तावेजों को जब्त किया गया है।
उत्पादों का 75 फीसदी निर्यात
जानकारी के मुताबिक ट्राइडेंट ग्रुप का 75 फीसदी उत्पाद विदेशों में निर्यात होता है। यह ग्रुप कई उद्योगों और विनिर्माण सुविधाएं संचालित करता है। ट्राइडेंट ग्रुप यार्न, होम टेक्सटाइल, पेपर और स्टेशनरी, केमिकल्स और अडेप्टिव पावर के क्षेत्र में काम करता है, इसकी विनिर्माण सुविधाएं बुधनी (एमपी), बरनाला और धौला, पंजाब में स्थित हैं।
CFO पर लगा था गबन का आरोप
करीब एक साल पहले ट्राइडेंट ग्रुप करोड़ों रुपए की हेराफेरी का मामला सामने आया था।कंपनी के पूर्व सीएफओ यानी चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर हरविंदर सिंह गिल ने अप्रैल 2019 से 2022 के बीच 8 करोड़ रुपए का गबन किया था। कंपनी के ऑडिट में इसका पता चला था।