INDORE. मध्यप्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट इंदौर विधानसभा-1 के कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला को अब EVM सुरक्षा के बाद पोस्टल बैलेट की चिंता होने लगी है। बालाघाट में पोस्टल बैलेट को लेकर हुए विवाद के बाद शुक्ला मंगलवार को कलेक्टोरेट में रिटर्निंग अधिकारी ओम नारायण से मिलने पहुंचे और डाक मतपत्र को लेकर पूरी प्रक्रिया समझी।
संजय शुक्ला की मांग
संजय शुक्ला का कहना है कि उन्होंने मांग की है कि विधायक आकाश विजयवर्गीय की मतगणना में एंट्री नहीं होनी चाहिए। इंदौर में दबाव में आकर बालाघाट जैसी स्थिति नहीं हो।
किस बात की चिंता
संजय शुक्ला ने कहा कि हमें प्रशासन से सहयोग नहीं मिला, मैं चुनाव जीत रहा हूं, लेकिन इसी बौखलाहट में राष्ट्रीय महामंत्री अंदर कोई उपद्रव नहीं कर दें, इसलिए वहां पूरी सुरक्षा होनी चाहिए।
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कांटे की लड़ाई में पोस्टल बैलेट डिसाइडर
प्रत्याशियों की कांटे की टक्कर में पोस्टल बैलेट डिसाइडर होते हैं। बालाघाट में पोस्टल बैलेट को लेकर उठे मुद्दे के बाद एक बार फिर सभी की नजरें पोस्टल बैलेट पर चली गई है। खासकर कांग्रेस इसे लेकर अधिक चौकन्नी है, क्योंकि साल 2018 में कांग्रेस को इसमें 45.61 फीसदी वोट मिले थे और बीजेपी को 40.16 फीसदी वोट मिले थे। इंदौर-5 से महेंद्र हार्डिया की जीत हो या जावरा से राजेंद्र पांडे, राजपुर से बाला बच्चन या फिर सुवासरा से हरदीप डंग की जीत, इसकी एक बड़ी वजह यही पोस्टल बैलेट बने थे। जानकारी के अनुसार इंदौर में इस बार करीब 18 हजार वोट पोस्टल बैलेट से डले हैं, जबकि साल 2018 में 13 हजार 686 वोट पोस्टल बैलेट के थे।