संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर की देपालपुर विधानसभा सीट के घोषित प्रत्याशी मनोज पटेल का विरोध बढ़ता जा रहा है। देपालपुर, उज्जैन, सांवेर में प्रदर्शन के बाद जबरेशवर सेना ने शुक्रवार, 6 अक्टूबर को तो इंदौर बीजेपी दफ्तर का ही घेराव कर दिया। तीन घंटे तक विरोध प्रदर्शन और घेराव चला। आखिर में सांसद शंकर लालवानी आए और कहा कि आप सभी की बात पार्टी हाईकमान तक पहुंचा देंगे, साथ ही इंदौर एक के प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय से भी फोन पर बात कराई गई और उन्होंने भी यही कहा कि पार्टी स्तर पर बात पहुंचाएंगे। कार्यकर्ताओं ने कहा कि टिकट बदलो, आश्वासन नहीं चलेगा। प्रदेश नहीं, केंद्रीय नेतृत्व तक हमारी बात पहुंचाई जाए।
राजेंद्र चौधरी के लिए टिकट मांग रहे हैं प्रदर्शनकारी
घेराव करने वाले जबरेशवर सेना के कार्यकर्ता और समाजजन, स्थानीय रहवासी थे। यह देपालपुर विधानसभा से मनोज पटेल के टिकट का विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि किसी स्थानीय नेता को प्रत्याशी बनाया जाए। अधिकतर प्रदर्शनकारी राजेंद्र चौधरी के समर्थक हैं। कुछ कार्यकर्ता तख्तियां लेकर भी पटेल का विरोध कर रहे थे।
हनुमान चालीसा का पाठ भी किया
कार्यकर्ताओं की तख्तियों पर लिखा है- 'बाहरी हटाओ-स्थानीय लाओ'। देपालपुर मांगे राजेंद्र चौधरी। 'मनोज हटाओ देपालपुर बचाओ।' उन्होंने सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। जयश्री राम के नारे लगाए। कार्यकर्ताओं का कहना है कि हमारी बात नहीं मानी गई तो विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं देंगे।
इसके पहले मंत्री सिलावट को भी घेर चुके
प्रदर्शनकारी कुछ दिन पहले मंत्री तुलसी सिलावट का भी सांवेर में घेराव कर चुके हैं, उज्जैन में भी विरोध प्रदर्शन हो चुका है। इनका कहना है कि मांग नहीं माने जाने पर हमारे समाज के सभी वोट बीजेपी के खिलाफ जाएंगे। प्रदेश की दर्जन भर सीटों पर हमारे समाज के हजारों में वोट है। मुख्य तौर पर गारी गुर्जर समाज के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।
चौधरी मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी रहे, हिंदूवादी नेता माने जाते हैं
जबरेश्वर सेना का गठन 2020 में राजेंद्र चौधरी ने किया था। इसका उद्देश्य हिंदू समाज का एकीकरण बताया जाता है। देपालपुर, महिदपुर, उज्जैन, सांवेर, बड़नगर, उन्हेल और नागदा में जबरेश्वर सेना का अच्छा नेटवर्क और समर्थन है। राजेंद्र चौधरी को मालेगांव बम ब्लास्ट, समझौता एक्सप्रेस, हैदराबाद बम ब्लास्ट में आरोपी बनाया गया था। सभी मामलों में क्लीन चिट मिल चुकी है। चौधरी को भगवा आतंकी के नाम से आरोपी बनाया था। ऐसा माना जाता है कि उन्हें आरएसएस का पूरा समर्थन प्राप्त है। राजेंद्र चौधरी 2012 से 2020 तक जेल में रहे हैं। 2020 में सभी केस में बरी होने के बाद जबरेश्वर सेना बनाई।
43 साल से निर्भय सिंह पटेल के परिवार को ही टिकट
निर्भय सिंह पटेल के परिवार को ही 43 साल से देपालपुर से बीजेपी से टिकट मिल रहा है। पहले लगातार निर्भय सिंह पटेल इस सीट पर लड़े और फिर उनके पुत्र मनोज को पहली बार साल 2003 में टिकट दिया गया। पहले चुनाव में कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को हराया था। मनोज पटेल फिर 2008 में चुनाव हारे, साल 2013 में चुनाव जीते और फिर 2018 में चुनाव हारे, यहां अभी कांग्रेस के विशाल पटेल विधायक है। पार्टी ने अब लगातार पांचवी बार उन्हें देपालपुर से टिकट दिया है।
फोन नहीं उठाते मनोज पटेल
बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है, 'मनोज पटेल से मिलने के लिए क्षेत्र की जनता और कार्यकर्ताओं को 80 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। पटेल चुनाव के समय ही क्षेत्र में सक्रिय होते हैं। चुनाव खत्म होते ही वह फोन तक उठाना बंद कर देते हैं।